मंडी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुर्य प्रकाश ने चेक बाउंस के एक मामले में आरोपी पर दोष साबित हो जाने से उसे 6 महीने की कैद व 4 लाख रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई। यह मामला एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड द्वारा महेश चोपड़ा एडवोकेट के माध्यम से दायर किया गया था। दायर याचिका के अनुसार नेत्र सिंह पुत्र सुंकू राम गांव व डाकघर कुम्मी तहसील बल्ह जिला मंडी ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड मंडी शाखा से हाउस लोन लिया था।
वह इसकी अदायगी नहीं कर रहा था। जब बार बार उसे बकाया देने के लिए कहा गया तो उसने 31 जनवरी 2015 को 3 लाख 12 हजार रूपए का एक चेक स्टेट बैंक आफ पटियाला नेरचौक शाखा का जारी कर दिया। जब इस चेक को कलेक्शन के लिए उन्होंने मंडी के एक्सिस बैंक में भेजा तो वहां से यह चेक इस टिप्पणी के साथ वापस आ गया कि चेक काटने वाले ने इसमें अपना खाता नंबर गलत लिखा है। कंपनी का कहना है कि यह सब नेत्र सिंह ने जानबूझ कर किया था क्योंकि उसके खाते में इतने पैसे नहीं थे।
इस पर अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से नेगोशिएबल इंस्ट्मेंट एक्ट 1981 की धारा 138 के तहत अदालत में मामला दर्ज किया गया और अदालत ने सभी पक्षों व तथ्यों की सुनवाई के बाद नेत्र सिंह पुत्र सुंकू राम को 6 महीने की कैद व 4 लाख रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक महीने की सजा और भुगतनी होगी। जुर्माने की राशि शिकायतकर्ता कंपनी को दी जाएगी।
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