जोगिंद्रनगर के हराबाग (नागचला) में भादो 20 के पवित्र स्नान, जिसे स्थानीय बोली में न्हौण कहा जाता है, के लिए दिन भर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही मान्यता है कि जिन व्यक्तियों पर बुरी शक्तियों का प्रकोप हो, वे भी ठीक हो जाते हैं. इस पर्व के आयोजन को लेकर आयोजन समिति तैयारियां पूरी करती है.
इस बारे में राकेश शर्मा पुजारी ने बताया कि नाग देवता का मंदिर बहुत पुराना है उन्होंने कहा कि यहां किसी समय में कुष्ठ रोगी यहां आए और सिकंदरा के बीच में अपना डेरा लगा दिया और वहां विष्णु भगवान का भजन करते हुए नाग देवता के मंदिर में पूजा अर्चना की. यहां उन्हें झील में नहा कर कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिली. बाद में लोगों में यह धारणा हुई कि यहां पर किसी देवता की जरूर शक्ति है.
उसके बाद यहां पर नाग देवता का मंदिर का निर्माण हुआ. कमेटी बनी अब हर साल भादों में यहां नाग देवता के मंदिर में मेला लगता है. उन्होंने कहा कि लोगों की यह धारणा है कि यहां जिसको संतान नहीं होती उसके यहां नहाने से संतान प्राप्ति होती है जो लोग सच्चे मन से यहां आते हैं भगवान उनकी गोदी भरते हैं तथा जिनकी मन्नत पूरी होती है वह अपने बच्चों को लेकर यहां आते हैं.