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हिमाचल हाईकोर्ट में आज से रोजाना होगी गुड़िया केस की सुनवाई

  • हिमाचल हाईकोर्ट में आज से रोजाना होगी दोषी नीलू चरानी की अपील पर सुनवाई
  • 2017 के गुड़िया रेप-मर्डर केस में CBI कोर्ट से मिली थी उम्रकैद की सजा
  • हाईकोर्ट ने सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताई, जल्द फैसला लेने पर जोर

Gudiya Rape Case: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस में आज हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। दोषी अनिल कुमार उर्फ नीलू चरानी ने CBI कोर्ट द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। यह मामला न्यायाधीश अजय मोहन गोयल और बीसी नेगी की विशेष खंडपीठ द्वारा सुना जाएगा।

दोषी की ओर से कोर्ट में अतिरिक्त समय की मांग की गई थी, जिसे खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला 2021 से लंबित है और आरोपी की सजा निलंबित नहीं की गई है। इसलिए, अदालत ने इस याचिका की रोजाना सुनवाई करने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर दोषी की ओर से फिर से सुनवाई टालने की कोशिश की गई, तो उसे कानूनी सहायता के लिए कोई अन्य वकील नियुक्त कर दिया जाएगा।

पूरा मामला

शिमला जिले के जुब्बल-कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को 16 साल की गुड़िया स्कूल से घर लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई को उसका शव तांदी के जंगल में बरामद हुआ। प्रारंभिक जांच के लिए पुलिस ने 10 जुलाई को एसआईटी गठित की और कुछ दिनों बाद पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया।

हालांकि, 18 जुलाई की रात को कोटखाई पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिए गए आरोपियों में से एक सूरज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले ने प्रदेश में उबाल ला दिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 14 जुलाई को केस CBI को सौंप दिया। CBI ने जांच शुरू करते हुए 22 जुलाई को मामला दर्ज किया और 29 अगस्त को इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया।

CBI जांच में यह खुलासा हुआ कि स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी निर्दोष थे और नीलू चरानी ही असली दोषी था। इसके बाद 13 अप्रैल 2018 को CBI ने नीलू को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की। CBI कोर्ट ने 18 जून 2021 को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसे उसने अब हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

CBI की जांच और सबूत

CBI की चार्जशीट के अनुसार, नीलू चरानी ने 4 जुलाई 2017 को गुड़िया से रेप किया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। जांच में यह भी सामने आया कि स्थानीय पुलिस ने मात्र दो गवाहों के आधार पर पांच निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में वे गवाह अपने बयान से मुकर गए।

CBI के पॉलीग्राफ टेस्ट, नार्को एनालिसिस रिपोर्ट, ब्रेन इलेक्ट्रिकल ओसीलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग और फोरेंसिक साइकोलॉजिकल रिपोर्ट से यह साबित हुआ कि पुलिस ने गलत तरीके से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था और असली अपराधी नीलू चरानी था।

दोषी नीलू चरानी का आपराधिक रिकॉर्ड

CBI चार्जशीट में यह भी बताया गया कि नीलू चरानी आदतन अपराधी है। इससे पहले 2015 में उसके खिलाफ सिरमौर जिले के सराहां पुलिस स्टेशन में हत्या के प्रयास, छेड़छाड़ और अन्य संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।