➤ दलित अत्याचार, जातिगत भेदभाव और हिंसा के मामलों पर शिमला में जोरदार प्रदर्शन
➤ सरकार को ज्ञापन सौंप कर SC/ST एक्ट लागू करने और नीतियों में सुधार की मांग
➤ चेतावनी—मांगें न मानी गईं तो प्रदेशव्यापी आंदोलन तेज किया जाएगा
शिमला में आज दलित शोषण मुक्ति मंच ने दलितों पर बढ़ते अत्याचार, जातिगत भेदभाव और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों को लेकर जिलाधीश कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन ने इन घटनाओं को हिमाचल प्रदेश की सामाजिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताते हुए सरकार को तुरन्त सख्त कदम उठाने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान दलित शोषण मुक्ति मंच के नेता जगत राम ने कहा कि हाल के दिनों में दलितों और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रोहड़ू में 12 वर्षीय दलित बच्चे को प्रताड़ित किए जाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली, जो पूरे प्रदेश के लिए शर्मनाक है। इसके अलावा कुल्लू की सैंज घाटी में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या, तथा हमीरपुर में महिला पर आत्मघाती हमला जैसी घटनाओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
जगत राम ने कहा कि सरकार की नीतियां निजीकरण को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे दलितों के अधिकार कमजोर हो रहे हैं। मंच ने SC/ST अत्याचार निवारण कानून को कड़ाई से लागू करने, आरक्षण रोस्टर लागू करने, सफाई कर्मचारी आयोग के गठन, तथा अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि को 5 लाख रुपये करने की मांग उठाई। मंच ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेशभर में आंदोलन तेज किया जाएगा।



