कांगड़ा जिले के सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य संस्थान डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा का सराय भवन बन कर तैयार है। लगभग 2.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह भवन बहुत जल्द जनता के उपयोग के लिए सौंपा जाएगा। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने टांडा मेडिकल कॉलेज का दौरा कर नवनिर्मित भवन का निरीक्षण किया और इसके कार्यान्वयन को लेकर अधिकारियों संग आवश्यक बैठक की।
जिलाधीश ने बताया कि टांडा अस्पताल का सराय भवन बनकर तैयार है और अगस्त माह तक इसे मरीजों-तीमारदारों के उपयोग के लिए शुरु कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके चालू होने पर टांडा अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके ठहरने के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि इसके निर्माण के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने सीएसआर के माध्यम से आर्थिक सहयोग उपलब्ध करवाया है। वहीं एमपीलैड से भी इस सराय के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध करवाई गई है।
रेडक्रॉस करेगी सराय का संचालन
डीसी ने बताया कि जिले में रेडक्रॉस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को लेकर कईं महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टांडा सराय भवन का संचालन रेडक्रॉस के माध्यम हो, इसकी अनुमति सरकार से मिल गई है। उन्होंने बताया कि जिला रेडक्रॉस सोसायटी और रोगी कल्याण समिति मिलकर इस सराय को चलाएंगे। उन्होंने बताया कि सराय भवन में मरीजों और तीमारदारों के लिए न्यूनतम दामों में रहने और अच्छा भोजन उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएगें।
56 बेड की होगी सुविधा
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि टांडा अस्पताल सराय भवन में मरीजों और उनके तीमारदारों के ठहरने के लिए 56 बेड की सुविधा रहेगी। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल प्रदेश के विभिन्न जिलों को सेवाएं प्रदान करता है, लिहाजा यहां लोगों की आमद ज्यादा है। उन्होंने बताया कि आईपीडी तथा डे-केयर के रोगियों और उनके तीमारदारों को यहां पर रहने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
यह रहे उपस्थित
इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. भानू अवस्थी सहित जिला तथा अस्पताल प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।