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मुआला दा नाग देवता ने दिए दर्शन, भक्तों का लगा तांता

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देहरा: हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की भूमि है। यहां हर जगह आपको छोटे बड़े मंदिर मिल जाएंगे। जिनकी अपनी अपनी मान्यता व विशेषताएं हैं। आज आपको दर्शन करवाएंगे कांगड़ा जिला में देहरा के रानीताल के चेलियां गांव में श्री शेष नाग देवता के मंदिर के। यहां इनदिनों श्री शेष नाग देवता के मेले लागे हैं। ये मेले सवान के महिना शुरु होते ही शुरु हो गए। अब भादों महीना खत्म होते ही मेलों का विधिवत समापन होने जा रहा है। लेकिन दर्शनों के लिए यह मंदिर पूरे साल खुला रहता है।

आजकल श्रद्धालुओं का रोजाना यहां आना रहता है। यहां समय समय नाग देवता दर्शन देते रहते हैं। विशेषकर भक्त शनिवार, रविवार व मंगलवार को ही दर्शनों को आते हैं। सप्ताह के तीन दिन बड़ा मेला होता है। पुजारी रविन्द्र जमुआल कहते हैं कि भक्तों के लिए नाग बाबा जी ने सब दिन एक बराबर कर दिए हैं। भक्त अब हर दिन यहां नाग देवता के दर्शन कर सकते हैं। नाग देवता साक्षात दर्शन भी दे रहे हैं।

समय-समय पर यहां प्रत्यक्ष रूप में अपने भगतों को श्री शेष नाग देवता दर्शन भी देते हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि जिस किसी को भी सांप, बिच्छू काट ले तो मात्र तीन बार परिक्रमा कर काटे गए स्थान पर धागा बांधने और यहां की चमत्कारी मिटटी का लेप लगाने से रोगी को निजात मिलती है। अपने भक्त को मौत के मुंह से भी निकाल लाते है जमुआल नाग। श्री शेष नाग देवता को जमुआला दा नाग भी कहा जाता है। सैंकड़ों वर्ष पहले जम्मू से कुछ जमुआल परिवार यहां हिमाचल आकर बस गया था। लेकिन श्री शेष नाग देवता जम्मू में अकेले ही रह गए थे। फिर परिवार के एक बुजुर्ग को श्री शेष नाग देवता ने स्वप्न में दर्शन देकर उनके पास यहां हिमाचल प्रदेश में रहने की इच्छा जताई। फिर जमुआल परिवार के लोग ढोल नगाड़ों के साथ पालकी में श्री शेष नाग देवता को यहां रानीताल के पास चेलियां गांवके लेकर आ गए।

तभी से यहां भक्तों का तांता लगने शुरू हो गया और हर वर्ष सावन के महीना शुरू होते ही दो महीने के लिए मेले भी शुरू हो गए। पहले लोग मंगलवार व शनिवार को ही अपनी मनोकामना लेकर या मनोकामना पूरी होने पर आते थे। लेकिन अब कुछ वर्षों से यहां बारह महीने हर दिन लोग हाजिरी भर रहे हैं। यहां कतारों मे खडे होकर श्री शेष नाग देवता के दर्शन करते हैं। भक्त यहां की चमत्कारी मिटटी अपने साथ अपने घर ले जाते हैं। मान्यता है की इस मिटटी को अगर हम अपने घर के आस-पास पानी में घोल कर छिडकें तो जहरीले सांप, बिच्छू घर में नहीं घुसते और इनके काटने का भय भी नहीं रहता। अगर किसी को काल सर्प योग हो तो श्री शेष नाग देवता के दर्शन कर ले तो काल सर्प योग से निजात पाता है।

मंदिर के पुजारी रविन्द्र जमुआल, राजेश्वर जमुआल व नरेंद्र जमुआल कहते हैं की श्री शेष नाग देवता के चमत्कार से यहां सांप, बिच्छू के काटे लोग ठीक होते हैं। श्री शेष नाग देवता की प्रशाद में दी जाने बाली चमत्कारी मिटटी जिसके लेप से ओर चमत्कारी धागा बांधने से जहरीले विष से निजात मिलती है। पुजारी ने बताया की सवान के महिने दिनों में यहां दो महीने मेले लगते हैं ओर श्रद्धालू श्री शेष नाग देवता से मन्नत मांगते हैं। पुजारी रविन्द्र जमुआल ने बताया की श्री शेष नाग देवता भगतों को सार्वजनिक रूप में भगतों को दर्शन देते हैं।