हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती में आरक्षण के खिलाफ क्षेत्रीय संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। क्षेत्रीय संगठन ने आरक्षण के खिलाफ प्रदेशभर में जिला उपायुक्तों के माध्यम से राज्यपाल और सीएम को ज्ञापन भेजा। शिमला में भी संगठन के पदाधिकारियों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा ओर पुलिस भर्ती में आरक्षण खत्म करने की मांग की साथ ही मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी।
देवभूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष मदन सिंह ने कहा कि स्वर्ण परिवारों के योग्य युवाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और काबिल युवाओं का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश में हो रही पुलिस भर्ती में जाति आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है जिसके चलते स्वर्ण परिवारों के युवा पुलिस में भर्ती होने से वंचित हो रहे हैं। जाति के आधार पर आरक्षण सरकारी विभागों में खत्म करना चाहिए।
उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि पुलिस भर्ती में संज्ञान लेते हुए भर्ती में शामिल होने वाले समाज के युवाओं एवं युवतियों के लिए समानता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए जातिवाद को बढ़ावा ना देते हुए पुलिस भर्ती में एक समान रूप से शुल्क ग्राउंड, कंपटीशन, उम्र सीमा एवं प्रवेश अंक प्रतिशतता लागू की जाए ताकि 21वीं शताब्दी में देश को प्रगति की ओर ले जाकर युवाओं के मन में जातीय भेदभाव उत्पन्न ना हो। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संगठन प्रदेश में स्वर्ण आयोग का गठन की मांग भी कर रहा है और इसके लिए राज्यपाल को डीसी के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा है। संगठन ने मांग पूरी ना होने पर प्रदेश भर में उग्र आंदोलन शुरू करने की भी चेतावनी दी है।
हमीरपुर में भी दिखा रोष
हमीरपुर में भी देवभूमि क्षत्रिय संगठन के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला अध्यक्ष सुमित ठाकुर की अगुवाई में स्वर्ण युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर उपायुक्त हमीरपुर के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है । सुमित ठाकुर ने कहा कि सरकारी पदों की भर्तियों में स्वर्ण समाज के युवाओं के साथ असमानता और भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण समाज के युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं जिसके चलते इस समाज के युवा लगातार बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि इस समाज के युवा आत्महत्या करने जैसे कदम उठा चुके हैं । सुमित ठाकुर ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है की आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए। जिससे सभी वर्गों का एक समान विकास हो। उन्होंने कहा कि आरक्षण कुछ एक लोगों की जागीर बनकर रह गया है। अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तो वह उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।