धर्मशाला: युवाओं को चीड़ की पत्तियों से हस्तशिल्प उत्पाद बनाने के टिप्स दिए गए। इस बाबत सोमवार को भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से एक दिवसीय चीड पत्ती हस्त शिल्प उत्पाद कार्यशाला द्रोणाचार्य बी.एड कॉलेज रैत आयोजित की गई.
इसमें बीएड कालेज के विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण हासिल किया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए एसडीएम करतार चन्द ने कहा कि हस्तशिल्प उत्पादों की काफी डिमांड है तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही है तथा इसी दिशा में युवाओं को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
ग्रामीण स्तर पर भी स्वयं सहायता समूहों को हस्तशिल्प उत्पाद तैयार के लिए प्रोत्साति किया जा रहा है ताकि स्वयं सहायता समूहों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके।
कार्यशाला में दर्शना देवी तथा उनके समूह की महिलाओं ने चीड़ की पत्ती से गमले, टोकरी तथा ट्रे इत्यादि बनाने की बारीकियां प्रशिुक्षुओं को सिखाई।
कार्यक्रम के अन्त में जिला भाषा अधिकारी अमित गुलेरी मुख्यातिथि का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भाषा कला संस्कृति विभाग कलाओं के संवर्धन के लिए नियमित तौर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, ज्यादा से ज्यादा युवा इन कलाओं की बारीकियां सीखें इस के लिए विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।