नीट-2021 पीजी काउंसलिंग में देरी और गैर इमरजेंसी ड्यूटी को वापस लेने के लिए देश भर में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में भी दो दिन से दो घंटे की हड़ताल कर विरोध जता रहे थे। इसी कड़ी में बुधवार को रेजिडेंट डॉक्टर काम ठप कर पूरे दिन की हड़ताल पर चले गए और आईजीएमसी के बाहर मौन प्रदर्शन किया। विरोध जताते हुए डॉक्टरों ने नीट 2021 पीजी काउंसलिंग जल्द करवाने की मांग की।
हड़ताल के चलते वार्डों में न तो सुबह मरीजों की जांच को लेकर डॉक्टर राउंड पर पहुंचे जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी गई। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अक्षित पूरी ने कहा कि हड़ताल के दौरान ओपीडी ओर ओटी में कोई सेवाएं नहीं दी जाएंगी। केवल इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही है। नीट पीजी परीक्षा जनवरी में होती है और ये सितंबर में हुई लेकिन अभी तक काउंसलिंग नहीं करवाई गई।
रेजिडेंट डॉक्टर मानसिक और शारीरिक तौर पर बोझ तले दबे हुए हैं और कुछ घंटें ही आराम कर पाते हैं, जबकि उन्हें कई-कई घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया के संबंध में फैसले में चल रही देरी के कारण भी डॉक्टरों को भारी परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है। पहले ही कोरोना संक्रमण चल रहा है और ओमिक्रोन वोरिएंट ने भी दस्तक दे दी है लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कोविड फंड जारी करने की मांग की थी जोकि अभी तक नहीं मिल पाया है। सरकार ने डॉक्टरों को मार्च में ये फंड जारी करने का वादा किया था लेकिन इसको लेकर कोई बात नहीं की जा रही है।