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किन्नौर मे ड्रोन से सेब उठाने का ट्रायल हुआ सफल

पी. चंद |

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बिलासपुर में एक जनसभा मे किन्नौर के आलू ड्रोन से मंडी तक पहुंचाने की बात कही थी. जिसको लोगो ने सोशल मीडिया पर वायरल कर मजाक उडाया गया था. लेकिन यह बात सच साबित हुई है. किन्नौर के निचार गांव मे ड्रोन के माध्यम से सेब ढोने का काम शुरू कर दिया है.
 
 
किन्नौर जिला सेब बहुल क्षेत्र है जहां करीब 35 से 36 लाख सेब की पेटी हर वर्ष सेब मंडियो तक कठिन मार्गो का ट्रक मे सफर कर पहुंचते है इस दौरान सेब की पैकिंग फ़सल को मंडी तक पहुंचने मे कई दिन लग जाते है या फिर जिला के सेब के दूर दराज बगीचो से सेब को सड़को तक पहुंचाने मे भी लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
 
 
कहीं सड़क नहीं तो कहीं सड़को की हालत खस्ता है समय पर सेब मंडी नहीं पहुंच पाता है ऐसे मे लोगो को सेब के अच्छे दाम भी नहीं मिल पाते है. लेकिन अब किन्नौर के सेब आलू व अन्य नकदी फसलों को मंडी या अपने गंत्वयों तक पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी हो सकता है. जिसका ट्रायल पुरे भारत वर्ष मे पहली बार किन्नौर जिला के निचार गांव मे सफल हुआ है.
 
 
ड्रोन वाली विग्रो कम्पनी के प्रबंधक दिनेश नेगी ने कहा कि निचार ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों व सेब बागवानो के समक्ष ड्रोन के माध्यम से सेब के बड़ी पेटी जिसका वजन करीब 12 से 18 किलो ग्राम होता है. उसे निचार के छोत कण्डा से निचार मिनी स्टेडियम तक ड्रोन से उठाकर लाया गया और इसमे करीब छः मिनट का समय लगा है.
 
 
जबकि कंडे से स्टेडियम तक आम आदमी एक सेब की पेटी को 4 से 5 घंटे तक पहुंचाता है जिसे ड्रोन मिनटों मे पहुंचा सकता है. और अब जल्द ही इससे बड़ा ड्रोन जिसकी क्षमता 4 पेटी उठाने की हो उसे भी किन्नौर व हिमाचल के अन्य क्षेत्रों मे ट्रायल कर बागवानो को ड्रोन खरीददारी शुरू करने के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ड्रोन से सेब ढोने की प्रक्रिया 11 नवंबर से शुरू हुई थी जिसका ट्रायल 14 नवंबर को पूरी तरह सफल हुआ है.
 
 
ड्रोन से सेब के अलावा दूसरे भी प्रयोग किये जा सकते है खासकर पर्यटन के क्षेत्र मे ऊंचाई वाले दुर्घम इलाकों मे सामान पहुंचना कठिन इलको मे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दवाइयां भेजना, बर्फबारी मे लोगो तक आपात परिस्थिति मे मद्दें इत्यादि भेजना व कई अन्य कार्य किये जा सकते है.
 
 
निचार के सेब बागवान व पंचायत प्रतिनिधियों ने इस ड्रोन से सेब के करीब 12 से 18 किलो के पेटियों को 10 से 12 किलोमीटर की दूरी से हवाई मार्ग के छोटे मार्ग से गंतव्य तक पहुंचाकर एक इतिहास रच दिया है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किन्नौर के आलू को ड्रोन से मंडी तक पहुंचाने वाली बात को भी सिद्ध कर दिया है. जिससे भविष्य मे बागवानो को कम खर्चे मे सेब को अपने गंत्वयों तक पहुंचाना आसान होगा.
 
 
किन्नौर जिला मे विग्रो नामक कम्पनी द्वारा निचार गांव के ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर बागवानो के साथ करीब तीन दिन तक निचार के दुर्घम क्षेत्र कंडे से लेकर गाँव तक सेब के पैकिंग पेटियों को ड्रोन के माध्यम से करीब 10 से 12 किलोमीटर तक ट्रायल चलाया गया था जो सफल हुआ है.
 
 
अब यह ट्रायल सफल होने के बाद हिमाचल के अन्य सेब बहुल क्षेत्र के लोगो के लिए भी अच्छी खबर है कि भविष्य मे बागवानी क्षेत्र मे बड़ी क्रांति आने वाली हज क्योंकि हिमाचल के बागवानी क्षेत्र मे आधुनिकरण से लोगो को कई बेहतर सुविधाएं मिली है जिससे बागवानो के काम आसान हुए है अब ड्रोन के माध्यम से किन्नौर के दुर्गम व कठिन क्षेत्रों से सेब,आलू व अन्य नकदी फसलों को आसान तरीके से गंत्वयों तक भेजा जा सकता है.