भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि जिस प्रकार से सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड के 32 कार्यालय बंद किए हैं. उससे साफ दिखता है कि सुक्खू सरकार केवल बदला बदली के भाव से काम कर रही है और उनको हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास से कोई लेना देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए गए उस निर्णय की भी निंदा करती है. जिसमें एक अप्रैल 2022 से सभी कार्यालयों को बंद करने की बात की गई है. अगर गौर से देखा जाए. तो उसके अंतर्गत लगभग 150 कार्यालय बंद हो जाएंगे यह साफ दिखाता है कि कांग्रेस सरकार केवल मात्र बदला बदली की भावना से काम करना जानती है.
अगर जनहित में कार्य हुए हैं तो उनको बंद क्यों किया जा रहा है और अगर बंद किया जा रहा है तो उसके बारे में पूर्ण विश्लेषण देकर जनता और लोगों को इस सरकार को बताना चाहिए कि इस कार्यालय को बंद करके सरकार को क्या फायदा हुआ है और जनता को क्या नुकसान.
उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने तय किया है कि जिस जिस डिवीजन और सब डिवीजन में इन 32 कार्यालय को बंद किया गया है उन सभी मंडलों में एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा.
जिसमें हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा किए बंद किए गए बिजली बोर्ड के कार्यालयों का ब्यौरा भी दिया जाएगा. इनमें शलाई, पोंटा साहिब , पच्छाद , रोहरू, सोलन, रेणुका जी, शिमला ग्रामीण सुजानपुर, सिराज, सुलहा, चुरहा, रामपुर, घुमारवीं और झंडुत्ता अपने-अपने मंडलों द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपेंगे.