प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंध कर्मचारियों को साल में एक बार नियमित करने के निर्णय का लगातार अनुबंध कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारी सरकार के इस फैसले से नाराज हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि पहले की भांति साल में दो बार नियमितीकरण हो। उन्होंने सरकार को चेतायाहै कि अभी तो हम मर्यादा में रहकर सरकार से आग्रह कर रहे हैं लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जा रही हैं।
अनुबंध कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा की अपनी इस मांग को लेकर वे 11 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। मंत्रियों से भी मिले लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि केवल एक बार मार्च महीने में हीनियमितीकरण होगा, मगर इससे जो कर्मचारी सितंबर तक अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, उनको और इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे उन्हें पदोन्नति और आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। कई कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो मार्च में नहीं, बल्कि अप्रैल में दो साल पूरा कर जाते हैं।
ऐसे में उनके पास पहले विकल्प रहता था कि सितंबर महीने में उनको नियमित कर दिया जाएगा, मगर अब उनको अगले साल मार्च महीने का इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अभी सितंबर महीने तक करीब तीन हजार विभिन्न विभागों के ऐसे कर्मचारी हैं, जिनका दो साल का अनुबंध कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार पूर्व की भांति इन अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करें। अनुबंध कर्मचारी विधानसभा सत्र के दौरान भी सरकार के समक्ष अपनी मांग रखेगी। नए नियम पहले से नियुक्त हुए कर्मचारियों पर लागू नहीं होने चाहिए।
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