सितंबर महीने की 4 तारीख हो चुकी है और अब तक सरकारी कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिली है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसके बाद से बैकफुट पर नजर आए.
मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि कर्मचारियों का वेतन 5 तारीख और रिटायर्ड कर्मचारी की पेंशन 10 तारीख को मिलेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने सदन को बताया कि कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को कर्ज लेना पड़ता है. इस पर राज्य सरकार तीन करोड़ रुपए ब्याज चुकाती है.
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 740 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार से राज्य सरकार को रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट हर महीने की 6 तारीख को मिलता है. इसके अलावा हर महीने की 10 तारीख को भारत सरकार से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 740 करोड़ रुपए आता है. कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को 7.5 फीसदी की ब्याज दर से अग्रिम लोन लेना पड़ता है. इससे राज्य सरकार हर महीने तीन करोड़ रुपए और हर साल 36 करोड़ रुपए की बचत करेगी.
ऋण उठाने के लिए 2 हजार 317 करोड़ रूपये की ही बकाया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- ‘वर्तमान सरकार वित्तीय अनुशासन के लिए खर्चों की राजस्व प्राप्तियों के साथ मैपिंग करने का प्रयास किया गया है, ताकि ऋण राशि ऊठा कर ब्याज के अनावश्यक बोझ को घटाया जा सके.
इस प्रकार से सरकार द्वारा व्यय का Receipt के साथ Mapping कर हर महीने लगभग 3 करोड़ रूपये की राशि बचाई जाएगी. यह व्यवस्था सरकार के बोर्डों और निगमों के लिए नहीं होगी, जो अपने संसाधनों का आकलन करके निर्णय खुद ले सकते हैं. भारत सरकार से प्राप्त अनुमति के आधार पर बाजार से ऋण उठाने के लिए 2 हजार 317 करोड़ रूपये की ही बकाया राशि बची है, जिसका राज्य सरकार को आगामी चार महीनों अर्थात सितंबर से दिसंबर तक विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना पड़ेगा’.
जयराम ठाकुर ने सदन में उठाया मामला
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में मामला उठाया था. जयराम ठाकुर ने कहा था कि राज्य में कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन न मिलने की वजह से गंभीर स्थिति पैदा हुई है. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर अब कर्मचारी हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार पांच साल तक आंकड़े छिपाती रही. कांग्रेस सरकार सबको जनता तक लेकर जाना चाहती है. उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य में आर्थिक संकट था और इसे जनता से छिपाने की कोशिश की गई.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अब राज्य आर्थिक संकट से आगे बढ़ चुका है और राज्य सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई दिशा में कई अड़चन और कई तकलीफ है, लेकिन फैसला लेना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब से भी सत्ता में आए, तब से व्यवस्था परिवर्तन में लगे हुए हैं.
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