<p>सांसद किशन कपूर ने आज धर्मशाला में जल शक्ति विभाग कांगड़ा और चंबा के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्प्रेंसिंग के माध्यम से बैठककर सिंचाई और पेयजल योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली और सूखा संभावित क्षेत्रों में निर्बाध जलापूर्ति के लिए समय रहते सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कांगड़ा और चंबा जिले में संभावित सूखे से निपटने के लिए तैयार की गई योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्षा की कमी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी संभव उपाय किये जाने चाहिए। जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार पर विशेष बल देने और लोगों को पानी का अनुकूल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल लगाने एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए अधिकारी अपनी अहम भूमिका निभाएं।</p>
<p>कपूर ने अधिकारियों को विभाग के सभी जल भंडारण एवं वितरण टैंकों की साफ-सफाई की उचित व्यवस्था के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि विभाग लोगों को अपने घरों एवं निजी स्थलों पर रखी पानी की टंकियों को समय समय पर साफ करने को कहें। उन्होंने कहा कि गर्मियों के मौसम में कई बार बारिश की कमी के कारण सूखे जैसे हालात बन जाते हैं और इस स्थिति से निपटने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारी पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस मौसम में पेयजल की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। विशेषतौर पर पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए आपूर्ति व्यवस्था और सुद्ढ़ करें ताकि लोगों को पानी की कमी की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक पेयजल स्रोतों, हैंडपंप एवं बोरवैल इत्यादि को क्रियाशील करने की दिशा में भी कार्य करें। प्राकृतिक जलस्रोतों के पानी की गुणवत्ता जांच करें। उन्होंने को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेशन का कार्य पूरा किया जाए ताकि लोगों को शुद्व पेयजल उपलब्ध हो सके और जलजनित रोगों से भी बचाव किया जा सके।</p>
<p>उन्होंने पानी की बर्बादी को रोकने, सूखा प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने, भूजल स्तर, हैंडपम्पों की मांग, हैंडपम्पों के लिए बजट आवंटित करने, पंचायतों से हैंडपम्पों की मांग और विशेष रूप से चंगर क्षेत्रांे मंे हैंडपम्प स्थापित करने, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी के आवंटन के लिए टैंकरों की व्यवस्था करने, विभाग के पास अच्छी मशीनरी व उपकरणों का होना, पानी के रिसाव की पहचाने करने के लिए उपमंडल स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने, उपमंडल स्तर पर एक व्हाट्सअप नंबर शुरू करने के सुझाव दिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विभागीय कार्यों की अनुपालना के लिए समीक्षा बैठकों का आयोजन करने के निर्देश दिये।<br />
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