परमाणु से लेकर पन्दराणु तक मण्डियों का जाल स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा की देन रही है, उनकी बदौलत से आज शिमला जिला का किसान तथा बागवान अपनी उपज को घरद्वार पर बेच रहा है.
यह बात आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा की जयंती के उपलक्ष्य पर अटल विश्राम स्थल, कोटखाई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कही.
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा ने किसानों और बागवानों के दर्द को समझ कर उनकी समस्याओं का निदान किया. रूट स्टॉक, मण्डियों का जाल, एंटी हेलनेट तथा बागवानी के क्षेत्र में नई-नई तकनीक स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा की ही देन है, जिसकी बदौलत आज सेब की बागवानी का हमारी आर्थिकी में 5 हजार करोड़ से ज्यादा का योगदान है.
हिमाचल प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद में सेब का योगदान सबसे ज्यादा रहता है. यह स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा के अथक प्रयासों के कारण ही संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि बागवानी की बदौलत आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.
डॉ यशवंत सिंह परमार ने यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बागवानी को बढ़ावा दिया ताकि यहां के लोगों की आर्थिकी में सुधार हो सके. आज बागवानी से जिला शिमला ही नहीं बल्कि प्रदेश की आर्थिकी में वृद्धि की गई.
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा सेब तथा बागवान की आवाज रहे हैं. हर मंच पर उन्होंने उनकी समस्याओं को रखा, बागवानी जब तक रहेगी स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा को याद किया जाएगा, उनके स्थान तथा योगदान की पूर्ति करना असंभव है.
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन एक अच्छी पहल है तथा बागवानी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करना अत्यंत आवश्यक है. इस अवसर पर उन्होंने प्रगतिशील किसान रामलाल चौहान को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया.
वहीं, कार्यक्रम में किसानों तथा बागवानों की उपज पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन किया तथा उत्पादों की सराहना की. उन्होंने स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा परिवारजनों के सौजन्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को व्हील चेयर भेंट की.