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EVM मेें निकली गड़बड़ी तो ऐसे तय होगा नतीजा, यहां पढ़ें-

समाचार फर्स्ट |

हिमाचल चुनाव नतीजों में अगर वोट काउटिंग के दौरान EVM और VVPAT की काउटिंग में मेल नहीं होता है तो रिजल्ट VVPAT से डिसाईड किया जाएगा।  ऐसा तब होगा जब किसी क्षेत्र की EVM मशीनों की काउटिंग के बाद उस क्षेत्र के किसी बूथ की वीवी पैट की पर्चियों की गिनती एक बराबर नहीं आती। ऐसी स्थिति में वीवी पैट मशीन के आंकड़े को मान्य माना जाएगा।

इसके बाद अगर कैंडिडेट कोई आपत्ति करता है तो रिटर्निंग अधिकारी सभी बूथों की वीवी पैट मशीनों की गिनती दोबारा करवा सकता है। ऐसा तभी होगा जब आरओ प्रत्याशी की अपील से पूरी तरह सहमत है।  

बता दें पिछले चुनाव में ईवीएम पर उठे सवालों से निपटने के लिए इस बार आयोग ने प्रदेश में पहली बार वीवीपैट मशीनें को चुनाव में शामिल किया है। गड़बड़ी की आशंका को दूर करने के लिए आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का प्रावधान रखा है।

हर विधानसभा क्षेत्र के किसी एक पोलिंग बूथ से एक वीवी पैट मशीन को ड्रा के माध्यम से चुना जाएगा। चुने गए बूथ के वीवी पैट में दर्ज मत ईवीएम के कंट्रोल यूनिट से आए मतों के बराबर होने चाहिए। अगर दोनों का आंकड़ा मेल नहीं खाता है तो वीवी पैट का आंकड़ा निर्णायक होगा।

आरओ करेगा अपील की सुनवाई
 

इसके बाद भी प्रत्याशी अपनी आपत्ति आरओ से दर्ज करवाता है, तो आरओ अपील की सुनवाई करेगा। यह आरओ पर निर्भर करेगा कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सभी पोलिंग बूथों में लगी वीवी पैट मशीनों में दर्ज मतों की भी गिनती करवाई जाए।

सभी वीवी पैट मशीनों से मिलने वाले आंकड़े का मिलना ईवीएम मशीनों से मिले नतीजे से होगा। ऐसी स्थिति में अंतिम निर्णय ईवीएम मशीनों की जगह वीवी पैट से मिलने वाली वोट संख्या से होगा। 

 
भूपेंद्र अत्री, रिटर्निंग अधिकारी शिमला ग्रामीण ने बताया कि किसी एक पोलिंग बूथ की पर्ची ड्रा के माध्यम से दोबारा गणना के लिए चुनी जाएगी। ईवीएम और वीवीपैट के आपस में मिलान न होने की स्थिति में वीवीपैट मशीन की गणना ही मान्य होंगी।