जंगली जानवरों और बंदरों से किसान को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने सोलर पावर फेंसिंग का प्रोजेक्ट शुरू किया है। जिसके तहत हर किसान जो इसका लाभ लेगा उसके लिए सरकार ने 60 फीसदी सहायता राशि तय की है। किसानों को इसके लिए सिर्फ 20 फीसदी राशि खर्च करनी पड़ेगी। सोलर फेंसिंग का सबसे अधिक काम शिमला जिले में हो रहा है। वहीं, हमीरपुर के लिए भी 3 प्रोजेक्ट फाइनल हो चुके हैं।
हमीरपुर के किसान इस प्रोजेक्ट को संजीवनी के रूप में देख रहा है। मट्टनसिद्ध ,रंगस में इसको लेकर काम भी चल रहा है हालांकि, शिमला जिला में अभी तक करीब डेढ़ करोड़ का काम हो चुका है। किसान अभी इसको लेकर भी अधिक उत्साहित नहीं है और मानते हैं की जब तक पूरी तरह से इस प्रोजेक्ट को कामयाबी नहीं मिलती तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि बहुत कम प्रोजेक्ट ऐसे होते हैं जो फाइनली कामयाब हो पाते हैं।
प्रोजेक्ट फेंसिंग पर का काम कर रहे पुष्पेंद्र ने बताया की हिमाचल के किसानों को इसका पूरा लाभ मिलेगा विशेष रूप से वहां पर जहां बंदरों और जंगली जानवरों से लोग खासे परेशान हैं। वहीं, डायरेक्टर एग्रीकल्चर देश राज शर्मा के अनुसार 50 करोड़ का ये प्रोजेक्ट प्रदेश के किसान के लिए संजीवनी का काम करेगा क्योंकि इस से होकर जो भी जानवर जाएगा उसको करंट लगेगा और वो खेत में नहीं जा पायेगा लेकिन ये झटका इतना बड़ा नहीं होगा की इस से जानवर की मौत ही हो जाए।