<p>हिमाचल में फलदार फसलों पर संकट पैदा हो गया है। प्रदेश में लंबे समय से पर्याप्त बारिश और बर्फबारी न होने से फसलों पर बुरा असर पड़ा है। पिछले महिने थोड़ी बारिश और बर्फबारी तो हुई, लेकिन फसल के लिए न के बराबर थी। पर्याप्त नमीं न होने से खेती के तमाम कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं।</p>
<p>ऐसे में बागवान और किसान अगली फसल के लिए भी चिंतित है। समय पर फसल का न होना भी फसल चक्र के लिए चिंता का विषय है। प्रदेश में लाखों लोग सीधे तौर पर बागवानी से जुड़े हुए हैं। जिला कुल्लू में लगभग अच्छी फसल होने पर एक करोड़ सेब पेटियों का कारोबार होता है, लेकिन इस बार समय पर बारिश और बर्फबारी न होने से सेब सहित अन्य फलों के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने के आसार बन गए हैं। </p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>बागवानों की जेब पर पड़ेगा असर</strong></span></p>
<p>फसल पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से सीधा असर बागवानों पर पड़ेगा। अगर समय पर बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो बागवानों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। बागवानों ने चिंता जताते हुए कहा कि स्पर जल्दी फूटन से अर्ली फ्लावरिंग भी हो सकती है। इससे पैदावार कम होगी।</p>
<p>इस संबंध में कुल्लू फ्लोत्पादक मंडल के अध्यक्ष राजगीर महंत ने कहा कि मौसम की बेरूखी सेब फसल पर भारी पड़ सकती है। दिसंबर के बाद अब जनवरी में भी बर्फबारी नहीं हो पाती है तो निश्चित तौर पर सेब उत्पादन पर असर पड़ेगा।</p>
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