Theog water supply scam: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों से पानी की आपूर्ति में करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रारंभिक जांच के आधार पर दर्ज इस मामले में अब विजिलेंस थाना विस्तृत जांच करेगा। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं। जल शक्ति विभाग के निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और अन्य संदिग्धों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
विजिलेंस ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि जल शक्ति विभाग की ओर से जारी टेंडर की शर्तों का पालन नहीं किया गया। टेंडर के अनुसार, ठियोग के लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की आपूर्ति की जानी थी, लेकिन ठेकेदार ने वहां से पानी भरने के बजाय नालों से पानी भरकर लोगों को पिला दिया। इतना ही नहीं, ठेकेदारों ने जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी बिल तैयार किए और पेमेंट जारी करवा ली। अधिशासी अभियंता ने बिना जांचे ही जूनियर इंजीनियरों द्वारा तैयार बिल को आगे बढ़ा दिया, जिसके बाद यह फाइल एसडीएम कार्यालय भेजी गई और भुगतान जारी कर दिया गया।
अब तक विजिलेंस 90 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें एसडीएम ठियोग, निलंबित इंजीनियर, टैंकर चालक और ठेकेदार शामिल हैं। सरकार को भी इस मामले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी गई है और गृह विभाग ने कानूनी राय लेकर आगे की कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
गौरतलब है कि पिछले साल गर्मियों में ठियोग में टैंकरों से पानी की आपूर्ति के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला सामने आया था। ठेकेदार को एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया, लेकिन टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए, उनमें मोटरसाइकिल, कार और एक सरकारी अफसर की गाड़ी भी शामिल थी। यहां तक कि दो ऐसे गांवों में टैंकरों से पानी पहुंचाने का दावा किया गया, जहां सड़कें ही नहीं हैं। ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस मामले को उजागर किया था, जिसके बाद प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया।