हिमाचल प्रदेश वन विभाग कालोनी खालीनी और चक्कर में भूस्खलन के कारण कई भवन खतरे में आ गए हैं. खालीनी कालोनी में तो एक महीने से अधिक समय हो जाने के बावजूद भी डंगा लगाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है.
राहत के तौर पर खालीनी के कर्मचारियों को खालीनी विश्राम गृह में रहने की जगह दी गई है. परन्तु लाखों रुपये का कीमती सामान रखने के लिए उनके पास कोई उचित स्थान नहीं है. ऐसे में यदि खतरे की ज़द में आए इन मकानों में कोई नुक्सान होता है. तो इन कर्मचारियों को भारी क्षति उठानी पड़ सकती है.
मिली जानकारी के मुताबिक खालीनी कालोनी में एक निजी व्यक्ति द्वारा कालोनी के साथ लगते अपने प्लांट पर कार्य करने के कारण यह भूस्खलन हुआ है. इस भूस्खलन में वन विभाग की लापरवाही इस बात से साबित होती है कि निजी व्यक्ति को खुदाई का कार्य करने से विभाग ने समय रहते नहीं रोका और खुदाई के कारण जमीन में रिसाव होने के चलते बहुत बड़ा भाग भूस्खलन की चपेट में आ गया और वन विभाग कालोनी के साथ-साथ अनेक निजी भवन भी खतरे की चपेट में है.
भूस्खलन के कार्य वन विभाग कालोनी के ये भवन गिरते हैं. तो विभागीय कर्मचारियों के साथ-साथ मलबा गिरने के कारण दुसरे मकानों को भी भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता है. उधर दूसरे और चक्कर मुख्य मार्ग से लगते वन विभाग कालोनी के डंगे के खिसक जाने से कालोनी के भवन खतरे में आ गए हैं .
यही नहीं जहां से डंगा खिसका है. उसके ऊपर वाले भाग में कालोनी का पानी का अंडरग्राऊंग टैंक भी है और टैंक के ठीक नीचे से अभी भी जमीन बैठ रही है.
हिमाचल प्रदेश वन विभाग के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने चक्कर कालोनी का दौरा किया और बताया कि चक्कर के भवन को सुरक्षित करने के लिए तुरंत डंगे का काम किया जाए. ताकि भवनों को बचाया जा सके और धीरे-धीरे हो रहे भूस्खलन को रोका जा सकें.
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि हाल ही में एपीसीसीएफ आर के गुप्ता और अजय श्रीवास्तव के ध्यान में भी यह मामला लाया जा चुका है. लेकिन अभी तक किसी प्रकार का राहत कार्य शुरू नहीं हुआ है .
प्रकाश बादल ने वन विभाग से यह भी आग्रह किया है. कि चक्कर कालोनी के मुख्य मार्ग के साथ लगते डंगों को स्मार्ट सिटी के तहत लगाने के लिए एम सी शिमला से भी आग्रह किया जाए. एसोसिएशन भी इस सम्बन्ध में एम सी को पत्र लिख कर आगाह्ज करेगी.
प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने वन विभाग से यह भी आग्रह किया कि भूस्खलन के कारण खलीनी कालोनी के उन कर्मचारियों को खाली मकान तुरंत आऊट ऑफ़ टार्न अलॉट किये जाएं.
जिनके मकानों को ख़तरा है, ताकि ये कर्मचारी अपना सामान सुरक्षित जगहों पर रख सकें. एसोसिएशन ने बताया कि प्रकृतिक आपदा के मद्देनज़र इन कर्मचारियों को नियमानुसार आऊट ऑफ़ टार्न मकान दिए जा सकते हैं और विभाग के पास खलीनी में कुछ मकान पहले से खाली हैं .