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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश का निधन, राज्यपाल और CM ने जताया शोक

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्य के पूर्व कार्यवाहक राज्यपाल जस्टिस वी. रत्नम का शनिवार को चेन्नई में निधन हो गया। वह अपने परिवार के अनुसार 87 वर्ष की आयु से संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे। उनका निधन 23 मई को हुआ था। दो दिन बाद आई उनकी कोविड रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाए गए हैं।

वह अपने पीछे अपनी पत्नी पद्मिनी रत्नम, बेटी उमा रत्नम कृष्णन, दामाद बी.जी. कृष्णन और पोते श्रेया कृष्णन और सिद्धार्थ कृष्णन को छोड़ गए हैं। साल 1932 में चेन्नई में जन्मे, उन्होंने 1955 में नागरिक और श्रम कानून में अपना करियर शुरू किया था। मद्रास हाईकोर्ट में अपनी प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने 1979 में खंडपीठ में प्रमोट होने से पहले तमिलनाडु लीगल एड बोर्ड के कार्यकारी समिति सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण किया था।

उन्होंने साल 1992 में अदालत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद पर रहने के दौरान वह राज्य के कार्यवाहक राज्यपाल भी रहे, उन्होंने 1994 में न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए और चेन्नई में रहने लगे।'

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया शोक

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. रतनम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के साथ अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने शोक संदेश में कहा है कि न्यायमूर्ति वी. रतनम प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ थे। उन्होंने श्री रतनम के परिवार के सदस्यों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है।