हिमाचल में ग्लैंडर्स बीमारी की दस्‍तक, मंडी में एक मामला, घोड़े-खच्चर से इंसानों में भी फैलने का डर

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  • मंडी में ग्लैंडर्स बीमारी का मामला, घोड़े के रक्त सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव।
  • क्षेत्र को कंट्रोल जोन घोषित, घोड़ों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • संक्रमण रोकने के लिए प्रभावित घोड़े को मारना ही एकमात्र विकल्प।

Glanders Disease in Himachal: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ग्लैंडर्स बीमारी के एक मामले की पुष्टि हुई है, जिससे पशुपालकों और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मंडी के समौण से लिए गए घोड़े के रक्त सैंपल की जांच राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार में कराई गई, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह एक गंभीर और संक्रामक रोग है, जो घोड़ों, खच्चरों और गधों को प्रभावित करता है और इंसानों में भी फैलने की संभावना रहती है।

ग्लैंडर्स बीमारी बर्कहोल्डरिया मैलेई नामक घातक जीवाणु के कारण होती है, जो संक्रमित पशुओं के शरीर में गांठें बना देता है, सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है और कभी-कभी घावों से खून निकलने लगता है। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रभावित पशु को मारना ही एकमात्र विकल्प माना जाता है।

पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रवि ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमण की पुष्टि के बाद क्षेत्र को कंट्रोल जोन घोषित कर दिया गया है और घोड़ों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, शिमला और मनाली समेत अन्य इलाकों से भी सैंपल लिए जा रहे हैं ताकि संक्रमण के प्रसार को समय रहते रोका जा सके। यदि अन्य क्षेत्रों में भी मामले सामने आते हैं, तो उन इलाकों को भी कंट्रोल जोन घोषित किया जाएगा।