ग्लोबल वार्मिंग का असर अब धर्मशाला की पानी सप्लाई पर भी पड़ने लगा है। धर्मशाला के ऊंचाई पर स्थित उपनगरों में भारी पानी की किल्लत देखने को मिल रही है।
अगर सिंचाई और जन स्वास्थ्य (आईपीएच) विभाग के अफसरों की माने तो धर्मशाला के ऊपरी ग्लेशियरों के पिघलने के कारण पानी किल्लत हो रही है। उनका कहना है कि धौलाधार की चोटियों में बर्फ कम पड़ रही है। जिसके कारण इससे निकलने वाले नदी-नालों में पानी की मात्रा बहुत कम हो गई है। यही कारण है कि सर्दियों और गर्मियों में धर्मशाला के उपनगरों में पानी की समस्या बढ़ने लगी है।
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती पानी की किल्लत को देखते हुए प्रशासन को पानी वैकल्पिक स्त्रोतों की तलाश शुरू कर देनी चाहिए। धर्मशाला प्रशासन को पानी ग्लेशियरों से सीधे आने वाले नदी-नालों की जगह पानी मुहैया करवाने के लिए और संसाधन तलाशने चाहिए।
विशेषज्ञों ने सलाह दी कि प्रशासन इन नदी-नालों पर चेकडैम का निर्माण कर सकता है। इनसे पानी की उपलब्धता बढ़ेगी।
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