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अच्छी पहलः अब जनता के बीच निकलने लगे अधिकारी औक पंचायत प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री की हुड़की का हुआ असर

बीरबल शर्मा |

देर आए दुरूस्त आए मगर आए तो आए। आखिर मुख्यमंत्री की हुड़की और दुलार काम आया और देखने में आ रहा है पिछले दो तीन दिनों से अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधि कार्यालयों को छोड़ कर जनता के बीच जाने लगे हैं। विधायक और मंत्री ने भी लोगों के दुख दर्द को सांझा करने का प्रयास किया है। वोटों के लिए हर चौखट पर जाकर माथा टेकने वाले जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्रों में कोरोना पीड़ित लोगों व उनके परिवारों का दुख दर्द सांझा करने के कम ही निकले हैं। कई जगहों पर तो पंचायत प्रतिनिधि अनूठा उदाहरण पेश करते हुए पहले ही लोगों के बीच जा रहे हैं, अपनी अपनी पंचायत में सैनीटाइजेशन करवाने के साथ साथ लोगों को मास्क आदि भी बांट रहे हैं मगर अधिकांश जगह पर ऐसा देखने को नहीं मिल रहा था।

अब अचानक जब से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इनके साथ बैठक करके इन्हें अपनी जिम्मेवारी का एहसास करवाया है, प्रशासनिक तौर पर भी इनको जिम्मेवार बनाया गया है तो इन प्रतिनिधियों ने पीड़ितों और उनके परिवारों की सुध लेनी शुरू की है यह एक बहुत अच्छी पहल कही जा सकती है। इसी तरह से कुछ विधायक भी सक्रिय देखे हैं। 

शुक्रवार को बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी नेरचौक मेडिकल कालेज से आ रही अव्यवस्था की खबरों को जांचने अचानक पहुंच गए। पीपीई किट डालकर वार्डों में घूमे, पीड़ितों से मिले, सुविधाओं का जायजा लिया। काफी अव्यवस्था के बारे में जानकारी भी ली। इसी तरह से बड़सर के विधायक ने अपने निवास के नजदीक एक कोरोना मृतक का अंतिम संस्कार किया। सुंदरनगर के विधायक भी ऐसा करते आ रहे हैं। घुमारवीं के विधायक व खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग भी अपने क्षेत्र के पीड़ितों का हाल चाल जानते फेस बुक पर नजर आए, द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर भी लोगों के बीच दिखे व पीड़ितों व उनके परिवारों का मनोबल बढ़ाया। दूसरी ओर अधिकारियों ने भी जनता के बीच का रूख किया है। 

एडीसी मंडी जतिन लाल भी रेडक्रास व आयुर्वेदिक अधिकारियों के साथ होम आईसोलेशन में उपचाराधीन कुछ पीड़ितों के घरों तक पहुंचे व धरातलीय स्थिति से रूबरू हुए, एसडीएम सुंदरनगर ने भी पीपीई किट पहन कर कोरोना पीड़ित का अंतिम संस्कार करवाया। कई जगहों पर एसडीएम व अन्य अधिकारी पहली बार कोरोना संकट के दौरान फील्ड में दिखने लगे हैं, असंख्य ऐसे  उदाहरण अचानक सामने आने लगे हैं जो एक अच्छी पहल कही जा सकती है। दुख की इस घड़ी में जब अपने भी कन्नी काट रहे हैं तो जनप्रतिनिधियों का सामने आना एक बड़ी राहत की बात हो सकती है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐसे प्रतिनिधियों व अधिकारियों का कड़ा संज्ञान लिया है जो महज अपने घरों व कार्यालयों से फोन पर ही जिम्मेवारी का निभाने की औपचारिकता कर रहे हैं। शायद यही हुड़की काम कर गई जिसके आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम आ सकते हैं।