हिमाचल

अच्छे शिक्षक हर रूप में विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है: राज्यपाल

भारतीय शिक्षण मण्डल के तत्वावधान में  शुक्रवार को राजभवन में एक राष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यशाला आयोजित की गई। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल कार्यशाला में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने भी भाग लिया।इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भारतीय शिक्षण मण्डल एक राष्ट्रीय शैक्षणिक संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी। उन्होंने कहा कि इस संगठन से 5 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थान जुड़े हुए हैं तथा देश में इसके 50 लाख से अधिक सदस्य मौजूद हैं।

उन्होंने शिक्षण मण्डल द्वारा शिक्षा तथा भाषा संशोधन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में दिए जा रहे मूल्यवान योगदान पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे अन्य लोगों को भी प्ररेणा मिलती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सदैव हमारे समाज का मज़बूत स्तंभ रही है, जो भावी पीढ़ियों के मस्तिष्क और भविष्य को विकसित करता है। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रही हमारी दुनिया में यह आवश्यक है कि हम छात्रों की जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को पूरा करने के लिए अपनी शैक्षिक प्रणालियों को बेहतर बनाने का निरंतर प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि स्वदेशी शिक्षा और मूल्यों को बढ़ावा देने में भारतीय शिक्षण मण्डल के प्रयास उल्लेखनीय हैं जो समग्र और समावेशी शिक्षा के हमारे राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक केवल प्रशिक्षक नहीं होते, वे मार्गदर्शक और विद्यार्थियों के लिए आदर्श भी होते हैं। उन्होंने कहा कि एक अच्छे शिक्षक का प्रभाव क्लासरूम तक सीमित नहीं होता बल्कि वह हर रूप में विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके द्वारा दी गई शिक्षा छात्रों के जीवन और हमारे राष्ट्र के भविष्य को प्रभावित करती है।

उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में शिक्षा में परिवर्तन हो रहा है। शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण ने सीखने व सिखाने के नए द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों के संरक्षण के साथ तकनीकी प्रगति को संतुलित करना महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि पारम्परिक मूल्यों के साथ आधुनिक शिक्षा को एकीकृत करने वाले पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने में भारतीय शिक्षण मण्डल की पहल सराहनीय है।

श्री शुक्ल ने शिक्षकों से समाज की नींव रखने वाले नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देते हुए नवीन शिक्षण पद्धतियों को अपनाने का आग्रह किया। इससे पूर्व, बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और भारतीय शिक्षण मण्डल की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा और उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख शिक्षाविद् भी उपस्थित थे।

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