<p>शिक्षा विभाग द्वारा शिमला में राज्यस्तरीय शिक्षक दिवस मनाया गया। राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में मनाएं गए ज्यस्तरीय शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर प्रदेश के 12 शिक्षकों को राज्यपाल कलराज मिश्र ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक सुनील धीमान को भी राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।</p>
<p>शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा के प्रति देन को कभी भुलाया नही जा सकता। शिमला का एडवांस स्टडी भी उन्हीं की देन हैं। उनकी दूरगामी सोच आज भी शिक्षा व शिक्षक दिवस को याद दिलाती है। देश की स्वतंत्रता के समय हिमाचल की शिक्षा दर 10 फ़ीसदी थी जो आज 96 फ़ीसदी है। इसलिए हिमाचल केरल के बाद शिक्षा क्षेत्र में दूसरा राज्य है। आज भले ही सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है लेकिन हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पड़े विद्यार्थियों ने देश विदेश में नाम कमाया है। भाजपा सरकार ने दो साल से कम कार्यकाल में 6500 से ज़्यादा शिक्षक भर्ती कर लिए है। 2000 नए पद भरने की प्रक्रिया जारी है।</p>
<p>मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस मौक़े पर कहा कि राधा कृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप मनाता है। माँ के बाद गुरु ऐसा व्यक्ति है जो देश के भविष्य को संवारने के काम करता है। दुनिया की नज़र में तो हम आगे बढ़े लेकिन बहुत कुछ पीछे भी छूट गया। संस्कार , संस्कृति व जीवनमूल्यों को पीछे छोड़ रहे है। ये चिंता का विषय है। गुरु शिष्य के रिश्ते में भी गिरावट आई है। शिक्षक राष्ट्र निर्माण करता है इसलिए शिक्षकों के ऊपर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। स्कूलों में हाज़री लगानी की ज़रूरत क्यों पड़ी, सीसीटीवी लगाने की जरूरत क्यों पड़ गई? इसकी वजह संस्कारों एवम जीवन मूल्यों की कमी नही तो क्या है?</p>
<p>राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षक ज्ञान का स्रोत व संवाहक होता है। शिक्षक का कार्य विद्यार्थी के अंदर संस्कार भरना है। शिक्षक दिवस शिक्षकों के आत्मनिरीक्षण का दिन है। हिमाचल प्रदेश में सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जो कार्य किया उसके लिए सभी को बधाई। छात्र व शिक्षक का आत्मीयता का संबंध होना चाहिए। शिक्षक को छात्र के चित में पैठ बनाकर भविष्य निर्माण करना चाहिए। गुरु के आचरण व व्यवहार का असर छात्र पर होता है। इसी से संस्कार आते है तभी बेहतर राष्ट्र निर्माण होता हैं। शिक्षक, अभिभावक व छात्र का सामजस्य देश को सही दिशा में ले जा सकता है। शिक्षा में नैतिकता का अहम रोल है। बेहतर शिक्षक ही बेहतर समाज का निर्माण करता है।</p>
<p>सम्मानित किए गए 12 शिक्षक में यजनीश कुमार, प्रवक्ता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल जंदूर, हमीरपुर,सत्य पाल सिंह, प्रवक्ता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शारिया, सिरमौर, संतोष कुमार चौहान, डीपीई, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल समरहिल, शिमला,नेत्र सिंह, पीजीटी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कमांद, मंडी, नंद किशोर, शास्त्री, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कुनिहार, सोलन,सितेंद्र कुमार मिन्हास, जेबीटी, राजकीय प्राथमिक स्कूल नैरी, ऊना, विजय कुमार पुरी, जेबीटी शिक्षक, राजकीय प्राथमिक स्कूल खारटी, कांगड़ा।</p>
<p>नारायण दत्त, जेबीटी शिक्षक, राजकीय प्राथमिक सकूल लाना, सिरमौर,आशा राम, जेबीटी शिक्षक, प्राथमिक स्कूल नंद, बिलासपुर, प्रदीप मुखिया, जेबीटी शिक्षक, राजकीय प्राथमिक स्कूल रोहड़ू, शिमला, युद्धवीर, जेबीटी, राजकीय प्राथमिक स्कूल सुंडला, चंबा, नरेश कुमार, टीजीटी (नॉन मेडिकल), राजकीय माध्यमिक स्कूल सिराज, मंडी, शामिल है। हैरानी की बात ये रही कि हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने के बाबजूद शिक्षक दिवस पर एक भी महिला शिक्षक को सम्मानित सूची में शामिल नही किया गया है</p>
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