राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रदेश में नई पहल की है। राज्यपाल सरकारी स्कूलों में जाकर वहां के छात्रों से बातचीत करते हैं और उन्हें पुस्तकें भेंट कर पढ़ने की आदत को विकसित करने को प्रोत्साहित करते हैं। इसी कड़ी में राज्यपाल शुक्रवार को मशोबरा विकास खंड के तहत आते बल्देयां स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पहुंचे। यहां उन्होंने 9वीं कक्षा के छात्रों से संवाद किया।
राज्यपाल सुबह 11 बजे के करीब स्कूल में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कक्षा अध्यापक की उपस्थिति में छात्रों से बातचीत की। उन्होंने छात्रों से सामान्य प्रशन किए जो उनकी पढ़ाई की आदत से जुड़े थे। लेकिन 41 छात्री की कक्षा में दो-तीन छात्रों को छोड़कर पाठ्य पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें पढ़ने का शौक न होने पर राज्यपाल ने चिंता जाताई। देश की आजादी और स्वतंत्रता आंदोलन के हमारे नायकों के नाम तो विद्यार्थी जानते थे लेकिन उनकी जीवनी किसी ने नहीं पढ़ी।
इस दौरान राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि पुस्तकें हमारी दोस्त, चिंतक और मार्ग दर्शक होती हैं। घर पर अच्छी पुसतकें रहेंगी तो पढ़ने की आदत बनेगी। उन्होंने कहा कि अक्सर अभिभावक कहते हैं कि उनके बच्चे मोबाइल और टीवी देखते हैं लेकिन कितने अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए अच्छी पुस्तकें लाते हैं। पुस्तकों का चयन भी अभिभावकों को ही करना है। उन्होंने कहा कि समाज की अधिकांश समस्याएं पढ़ाई की आदत न होने से हैं।
राज्यपाल ने कक्षा के सभी 41 विद्यार्थियों को महापुरूषों की पुस्तकें भेंट की। उन्होंने आश्वासन लिया कि वे इन पुस्तकों को पढ़ेंगे और पढ़ने के बाद अपनी प्रतिक्रिया के रूप में उन्हें 15 दिनों में पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ने के प्रति प्रोत्साहित करने का यह छोटा प्रयास है, जिसे वह भविष्य में भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल के पुस्तकालय के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ने के लिए पुस्तकें दी जानी चाहिए। बाद में, राज्यपाल ने स्कूल के स्टॉफ से भी बातचीत की। उन्होंने स्कूल परिसर में पौधारोपण भी किया।
बता दें कि कुछ दिन पहले राज्यपाल ने सोलन के राजकीय दलीप वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल का दौरा भी किया था और वहां भी नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों से संवाद किया था। इस दौरान भी उन्होंने छात्रों को पुस्तकें भेंट कर पढ़ाई की आदत डालने को कहा था।