GS Bali’s Political Legacy: पूर्व परिवहन मंत्री स्वर्गीय जीएस बाली भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शख्सियत और उनके विकास कार्यों को आज भी याद किया जाता है। उनकी कार्यशैली और दृढ़ निश्चय का ही असर है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी अपने बिलासपुर दौरे के दौरान बाली जी को याद करना पड़ा।
जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि जीएस बाली एक ऐसे नेता थे, जो जो ठान लेते थे, उसे पूरा करके ही दम लेते थे। उन्होंने विशेष रूप से हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का जिक्र करते हुए बताया कि बाली जी इसे अपने विधानसभा क्षेत्र नगरोटा बगवां ले गए थे, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी।
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का मसला और बाली की रणनीति
जेपी नड्डा ने कहा कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू में किसी और स्थान के लिए प्रस्तावित था, लेकिन जीएस बाली के प्रयासों के कारण इसे नगरोटा बगवां ले जाया गया। बाली की इस कार्यशैली से यह साफ था कि वह जो भी योजना बनाते थे, उसे पूरी मजबूती से लागू करवाते थे।
जेपी नड्डा ने अपने भाषण में यह भी कहा कि जीएस बाली के इसी जुझारूपन और प्रतिबद्धता के कारण वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
बीजेपी की रणनीति और पूर्व मंत्री के योगदान की चर्चा
जेपी नड्डा ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में बीजेपी सरकार जनता की भलाई के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो योजनाएं बीजेपी सरकार के दौरान बनाई गई थीं, उन्हें वर्तमान सरकार ठीक से लागू नहीं कर पा रही है।
बाली की कार्यशैली का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि ऐसे नेता राजनीति में विरले ही होते हैं, जो जनता के हित में अपने फैसले को पूरी ताकत से लागू करते हैं।
क्या बोले जेपी नड्डा?
“स्वर्गीय जीएस बाली जी ने अपने क्षेत्र और प्रदेश के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए। वह जो भी ठान लेते थे, उसे पूरा किए बिना नहीं रहते थे। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
जेपी नड्डा के इस बयान से यह साफ है कि जीएस बाली आज भी प्रदेश की राजनीति में एक अहम नाम बने हुए हैं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को हर कोई याद करता है।



