प्रदेश विश्वविद्यालय के ईआरपी सिस्टम पर हैकर्स ने बड़ी सेंध मारी की है। बीएससी थर्ड ईयर का रिजल्ट घोषित किए बिना ही छात्र टोरेंट सॉफ्टवेयर पर देख रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि अभी रिजल्ट पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुआ था। वहीं, टोरेंट मनोरंजक वेबसाइट पर आसानी से लिंक कॉपी कर छात्र अपने रिजल्ट को देख रहे हैं। इस लापरवाही से एक बार फिर से विवि की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
बता दें कि एचपीयू ने ईआरपी सिस्टम के लिए करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया है। सवाल यह भी उठता है कि करोड़ों का बजट खर्च करने के बाद भी ईआरपी की गोपनीयता का उल्लंघन कैसे हुआ। एचपीयू के ईआरपी सिस्टम में हुई इस लापरवाही पर छात्र संगठन भी बिफर गए हैं। ईआरपी सिस्टम में लगातार गड़बड़ियों को देखते हुए विद्यार्थी परिषद ने गुरुवार को अधिष्ठता अध्ययन का घेराव किया।
एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को ईआरपी से मिली झूठी थपथपाहट मीठी लगने लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश विश्वविद्यालय ईआरपी में गड़बड़ियों का स्तर बढ़ गया है। एबीवीपी ने कहा कि पहले तो टेस्टिंग के नाम पर प्रशासन ने छात्रों का गलत परिणाम घोषित कर दिया, लेकिन इस बार तो बिना टेस्टिंग के टोरेंट सॉफ्टवेयर से रिजल्ट छात्र डाउनलोड कर रहे हैं।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि एचपीयू की इस लापरवाही से पूरे प्रदेश के छात्रों को एक बार फिर मानसिक तनाव जैसी स्थिति में डाल दिया है, लेकिन रिजल्ट में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से परिणाम घोषित हुए बिना किसी अन्य सॉफ्टवेयर से लिंक बदल कर जैसे परिणाम डाउनलोड हो रहे है। यह परिणामों की गोपनीयता पर सवाल खड़ा करता है। वहीं, छात्रों ने एचपीयू प्रशासन से सवाल किया कि आखिर ए ग्रेड विश्वविद्यालय में डी ग्रेड का ईआरपी सिस्टम कब तक सुधरेगा।
इस पूरे मामले पर ईआरपी सिस्टम को देख रही कंपनी को जांच के आदेश दिए हैं। इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई, इस पर भी तथ्य तलब किए गए हैं।