मॉनसून सीजन के दौरान किसी भी तरह की आपात् परिस्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। जिला हमीरपुर में प्राकृतिक आपदा और अन्य आपात परिस्थितियों में बचाव एवं राहत कार्यों को त्वरित एवं प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और संबंधित विभागों के आपसी समन्वय स्थापित करने के निर्देश उपायुक्त हमीरपुर ने दिए हैं। उपायुक्त देवश्वेता बनिक ने बताया कि मॉनसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बर्चुअल बैठक में सभी विभागों को अपने-अपने स्तर पर आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त देव श्वेता बनिक ने बताया कि नादौन और सुजानपुर के साथ बहती ब्यास नदी होने पर ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता रहती है। इसलिए सबंधित उपमंडलों के एसडीएम को भी निर्देश दिए गए हैं ताकि बरसात के समय में अनहोनी से बचा जा सके। लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे के अधिकारियों को जिला की मुख्य सडकों पर भूस्खलन की आशंका वाले स्थान चिह्नित करने और वहां पर्याप्त मशीनरी तैयार रखने के लिए कहा गया है। सडकों के किनारे बंद पड़ी नालियों और अवरुद्ध नालों की तुरंत सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नगर निकाय क्षेत्रों में नालियों की सफाई का जिम्मा स्थानीय निकायों का रहेगा। उन्होने लोगों से भी आवाहन किया है कि कोई व्यक्ति नाले या खड्डों के किनारे भवन निर्माण न करें क्योंकि बरसात के समय में इससे दिक्कतें बढ जाती हैं। उन्होंने बताया कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र हमेशा की तरह 24 घंटे क्रियाशील रहेगा और इसके टॉल फ्री नंबर 1077 पर किसी भी तरह की आपदा की सूचना दी जा सकती है।
हमीरपुर उपायुक्त ने कहा कि जिला में खतरनाक पेड़ों को चिह्नित करके इन्हें तुरंत हटाने के लिए एसडीएम, वन विभाग, वन निगम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। मॉनसून सीजन में पेयजल स्रोतों में मलबा आने और पानी के प्रदूषित होने की आशंका बनी रहती है। इसके मद्देनजर जलशक्ति विभाग पेयजल स्रोतों की सफाई सुनिश्चित करेगा और स्वास्थ्य विभाग की मदद से पानी की टैस्टिंग एवं क्लोरिनेशन सुनिश्चित करेगा। किसी भी तरह की आपात स्थिति में बचाव कार्य के लिए पुलिस, होमगार्ड और अग्रिशमन विभाग के अधिकारियों को बचाव दलों का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। बड़ी आपदा की स्थिति मंश सेना और अर्द्धसैनिक बलों से संबंधित क्षेत्रीय अनुक्रिया केंद्रों से भी संपर्क किया जा सकता है।