टीसीपी की एरिया में हमीरपुर जिला में जमीन की खरीद-फरोख्त पर विभाग से मंजूरी जरूरी है. हाल ही के दिनों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में हमीरपुर जिला में अपने एरिया में बदलाव किया है. आगामी दिनों में नगर निगम के गठन के बाद इस एरिया में और भी बदलाव संभव है.
विभाग की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले विभाग से एनओसी जरूर लें. विभाग के जागरूकता अभियानों के बावजूद यह पाया गया है कि हमीरपुर प्लानिंग एरिया के 52 राजस्व गांव में जमीन के खरीद-फरोख्त के लिए किसी भी विभाग से मंजूरी नहीं ली जा रही है.
जबकि प्लानिंग एरिया के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में बल्कि यह भूमि की खरीद-फरोख्त में भी टीसीपी विभाग की शर्तों के मुताबिक मंजूरी लेना अनिवार्य है.
गांव लाहड़, डुग्घा खुर्द, डुग्घा कलां, पंजाहली, तरोपका, बरोह, साई ब्राह्मणा, साई उग्यालता, हलाणा, सुनली, भिड़ा, छत्तर, द्रवसाई, समरयाल और कैहडरू, गांव चौकी, डोडरू, सयूणी, घरियाणा जसवालां, घरियाणा ब्राह्मणा, ककरू, खसग्रां, बस्सी, धार सुहारियां, घनाल खुर्द, अणु कलां, मौंही.
बोहणी,गांव बजूरी खास, लुहारडा, रड़ा, वारल, दुलेड़ा, निझड, चमारडी, दुगनेडी, झरेडी और भटेड़ खुर्द, गांव खाला, मटाणी डीपीएफ, मटाणी, सस्त्र, गोपालनगर, विकासनगर, दडू़ही, जटेहड़ी, सासन, घरथेड़ी ब्राह्मणा, छल बुहला, रकडय़ाल, छल ऊपरला और चनवाल समेत कुल 52 गांव हमीरपुर पुरानी एरिया में शामिल है.
सहायक नगर योजनाकार हमीरपुर रोहित भारद्वाज ने बताया कि जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान मंजूरी देने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. फॉर्म 12 के अंतर्गत जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले आवेदन करना होता है.
एक खसरा नंबर में एक से अधिक शेयर के बिक्री होने पर यह जरूरी रहता है कि विभाग के शर्तों के मुताबिक ही प्लॉट काटे जाएं. इस दौरान रास्ता सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है.