<p>बिजली वायरिंग के कार्य में धांधली के आरोपों के चलते सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की महिला जूनियर इंजीनियर की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश हमीरपुर की अदालत में खारिज हो गई है । जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब इन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक गई है। बताते चलें कि मामले की जांच बिजली बोर्ड और बिजली विभाग ने मिलकर की थी और इसमें भ्रष्टाचार के सबूत पाए गए थे । इसके बाद विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत इस मामले को दर्ज कर लिया था।</p>
<p>डीएसपी विजिलेंस हमीरपुर बीडी भाटिया ने कहा है कि जल्दी ही आरोपी की गिरफ्तारी हो जाएगी। मामला 2014-15 का है जिसमें भारी भलेहड़ा पेयजल योजना के लिए 100300 रुपये का टेंडर, ओवरहेड टैंक में वायरिंग के लिए 25000 रूपये का टेंडर विभाग ने किया था। इस मामले में पंचायत के प्रधान ओमप्रकाश ने भ्रष्टाचार के आरोप में शिकायत दर्ज करवाई थी और कहा था कि इन दोनों में कार्यों में 25 से 42 हजार रुपये ही खर्च हुए हैं। इसके बाद विजिलेंस विभाग ने जुलाई 2017 में शिकायत दर्ज की और उसके बाद ही सारे मामले की जांच बैठी थी और अब मामला गिरफ्तारी तक पहुंच गया है।</p>
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