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क्या सरकार ने पेश किया घाटे का बजट? विपक्ष बोला- कर्ज की बैसाखियों के सहारे चलेगी सरकार

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया है। वर्ष 2022-23 के लिए 51 हज़ार 365 करोड़ का बजट पेश किया गया है। जिसमें सभी वर्गों को लुभाने के प्रयास किया गया। हालांकि हर बार की तरह ये करोड़ों के घाटे का बजट है लेकिन मजदूरों से लेकर आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, चौकीदारों, शिलाई अध्यापिकाओं,मिड डे मील वर्कर ,वाटर कैरियर, जल रक्षकों सहित पंचायत प्रतिनिधियों व नगर निगमों व नगर परिषदों के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया है। राजस्व प्राप्तियां 278 करोड़ रुपए रहने का अनुमान हैं। राजस्व व्यय 40 हज़ार 34 करोड़ रहने का अनुमान है। इस प्रकार कुल घाटा 3 हज़ार 993 करोड़ अनुमानित है। जबकि राजकोषीय घाटा 9 हज़ार 602 करोड़ रुपए अनुमानित हैं। जो राजस्व कि सकल घरेलू उत्पाद का 4.98 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ये बजट हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जिसमें सामाजिक सुरक्षा व कमज़ोर वर्ग के उत्थान पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है। दिहड़ीदारों से लेकर मानदेय से जुड़े हर वर्ग का 50 रुपए से लेकर 4000 रुपया बढ़ाया गया है। सरकार ने 29 नई योजनाओं को भी शुरू किया है। जो प्रदेश के विकास में मददगार साबित होंगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को भी बढ़ाया गया है। इसमें अब 60 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को आय सीमा में छूट देकर पेंशन का प्रावधान करना बजट की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बजट को राज्यपाल के अभिभाषण की तरह झूठे आंकड़ो का मायाजाल करार दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में जब अर्थव्यवस्था धरातल पर पहुंच गई है तो फ़िर हिमाचल की अर्थव्यवस्था में 8.3 फ़ीसदी वृद्धि का अनुमान कैसे लगाया जा सकता है। सरकार कर्ज़ की बैसाखियों के सहारे चलेगी। बजट के मुताबिक 100 रुपए में से 26 रुपए पेंशन पर, 15 रुपए पेंशन पर , 10 रुपए ब्याज अदायगी पर, 11 रुपए ऋण अदायगी पर, जबकि स्वायत संस्थान की ग्रांट के लिए 9 रुपए ख़र्च होंगे। ऐसे में 29 रुपए बचते हैं उनसे क्या विकास होगा। सरकार कर्ज़ चुकाने के लिए भी कर्ज़ ले रही है।