<p>शिमला-कालका-शिमला फोरलेन के निर्माण में हो रही देरी पर हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट के समक्ष इस फोरलेन का निर्माण करने वाली कंपनी मैसर्ज जीएस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें आदेश दिए कि वे दो सप्ताह के भीतर ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश कर सड़क निर्माण बारे अवगत करवाए। मामले की सुनवाई आगामी 16 अगस्त को निर्धारित की गई है।</p>
<p>मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि स्थानीय अथॉरिटी ने मुआवजे की एक करोड़ से अधिक की राशि किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में डाल दी थी, उसे दो दिनों के भीतर वापस कर दिया जाएगा। कालका-शिमला फोरलेन मामले की सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने उक्त आदेश पारित किए। ज्ञात रहे कि इस मामले में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि दिसंबर 2017 में 171937 वाहन और जनवरी 2018 में 153331 वाहन परवाणू बैरियर से क्रॉस हुए।</p>
<p>हाई कोर्ट ने प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए थे कि वह अदालत को बताएं कि दिसंबर 2017 और जनवरी 2018 में कितने वाहन परवाणू बैरियर से क्रॉस हुए। अदालत ने यह भी पूछा था कि वीकेंड में कितने वाहन क्रॉस हुए। अदालत के आदेश के बाद यह सारी जानकारी आबकारी एवं कराधान आयुक्त से प्राप्त सूचना के अनुसार कोअर् को दी गई।</p>
<p>मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि बरसात के चलते कालका- शिमला हाई-वे पर जगह-जगह ल्हासे गिरने से घंटों तक जाम लग रहा है। अदालत के ध्यान में लाया गया कि जब कालका-शिमला हाई-वे पर वाहनों की इतनी ज्यादा आवाजाही है, तो इस स्थिति में सड़क ख़राब होने के कारण जाम लगना लाजमी है।</p>
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