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विजिलेंस टीम ने ₹2,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों धरा हेड कांस्‍टेबल

  • कांगड़ा जिले के नूरपुर थाना रैैहन में तैनात हेड कांस्टेबल दिनेश कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया

  • आरोपी ने शिकायतकर्ता से ₹2,000 की रिश्वत मांगकर मामले में अनुकूलता देने की कोशिश की

  • राज्य विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो धर्मशाला में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, जांच जारी


शिमला/ज्‍वाली, (पराक्रम चंद/दौलत चौहान): कांगड़ा जिले के नूरपुर उपमंडल के थाना रैहन में तैनात हेड कांस्टेबल एवं जांच अधिकारी दिनेश कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि दिनेश कुमार ने शिकायतकर्ता  सुजल, जो फतेहपुर निवासी हैं, से ₹2,000 रिश्वत की मांग की और उसे स्वीकार भी किया। शिकायतकर्ता के खिलाफ दर्ज एक मामले की जांच में अपनी भूमिका का दुरुपयोग करते हुए आरोपी ने यह रिश्वत ली, ताकि जांच में शिकायतकर्ता को पक्षपातपूर्ण लाभ मिल सके।

यह मामले की जानकारी मिलते ही राज्य विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो, धर्मशाला की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 (संशोधित) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस अधिनियम के तहत रिश्वत मांगना, लेना और भ्रष्टाचार के अन्य कृत्यों को गंभीर अपराध माना जाता है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाली सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए जांच जारी रखी है। आरोपित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मुकदमेबाजी भी होगी।

इस घटना ने पुलिस विभाग में पारदर्शिता और नैतिकता के महत्व को एक बार फिर सामने लाया है। राज्य सरकार और पुलिस विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शने को तैयार नहीं हैं।

राज्य में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए विजिलेंस ब्यूरो ने सख्त कदम उठाए हैं ताकि आम जनता को न्याय दिलाया जा सके और पुलिस विभाग की विश्वसनीयता बनाए रखी जा सके।