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बाल चिकित्सा से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को किया जाए सुदृढ़, CM ने अधिकारियों को दिए निर्देश

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज वर्चुअल माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा बैठक की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने का कि चिकित्सा जगत के लोगों को कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पहले से ही संभावित आवश्यकताओं और आपूर्ति संबंधित कार्य योजना बनानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों के लिए चिंताजनक साबित हो सकती है, इसलिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बाल रोग वार्ड और सेवाओं को सुदृढ़ करने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल रोग से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी हितधारकों के सक्रिय सहयोग से कोरोना महामारी की पहली लहर पर सफलतापूर्वक विजय प्राप्त की है और अब उम्मीद है कि प्रदेश धीरे-धीरे दूसरी लहर से बाहर आ रहा है। हमें अभी भी और अधिक सतर्क रहना होगा क्योंकि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। कोरोना मामलों में धीरे-धीरे कमी के साथ प्रदेश के लोग लापरवाह हो सकते हैं इसलिए लोगों को और अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना, शिक्षा और संप्रेषण ने कोविड-19 से जुड़े भ्रम को दूर करने और लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनमत तैयार करने वालों, स्थानीय नेताओं और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को इस संक्रमण से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए। जिन कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में कोविड मरीज उपचाराधीन नहीं हैं, उन्हें अन्य बीमारियों के मरीजों की सुविधा के लिए डी-नोटिफाई करने के प्रयास करने चाहिए। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत लिए गए निजी अस्पतालों को नियोजित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।

जयराम ठाकुर ने कहा कि अब भी प्रभावी निगरानी के साथ-साथ टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की दोहरी रणनीति अपनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त अपने जिलों में परीक्षणों की संख्या में वृद्धि करना सुनिश्चित करें। राज्य स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन का न्यूनतम अपव्यय सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि देश और राज्य इसे वहन नहीं कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिबंधों को बहुत लंबे समय तक जारी रखना संभव नहीं है। इसलिए यदि मामले इसी गति से कम होते हैं तो प्रदेश सरकार आने वाले समय में कोरोना कफ्र्यू में कुछ ढील देने पर विचार कर सकती है।