पी.चंद, शिमला।
हिमाचल प्रदेश में गर्मी के साथ साथ सूखे ने पिछले 14 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मार्च महीने में नाममात्र 5.4 फीसदी बारिश ही रिकॉर्ड की गई है। मार्च महीने में कम बारिश होने से प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। फसलें बारिश न होने से सूखने लगी हैं। तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है। जंगल आग से दहकने लगे हैं। पानी की क़िल्लत सामने आने लगी है। सबसे बड़ी चिंता ये सत्ता रही है कि आने वाले दिनों में भी पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सूखे और गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस बार मार्च महीने में माइनस 95.1 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। यानी कि इस बार मात्र 5.4 फ़ीसदी बारिश ही हुई। इससे पहले 2008 में 95.9 फ़ीसदी कम बारिश दर्ज हुई थी। हिमाचल में मार्च महीने में ही गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। तापमान सामान्य से 6 से 7 डिग्री ज़्यादा चल रहे हैं। हिमाचल ही नहीं बल्कि देश भर में गर्मी नए रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। ये सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। जिसके चलते सूखे जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। जिसका पानी की समस्या के साथ साथ फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है।
हिमाचल के पर्यटन स्थलों में तापमान मार्च महीने के मध्य में ही गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ चुका है। हिमाचल के पर्यटन स्थलों जहां लोग सकुन की तलाश में आते हैं वहां भी तापमान सामान्य से 6 से 7 डिग्री ज्यादा चल रहे है। शिमला में पिछले 24 घंटे के दौरान 25.6 डिग्री, मनाली में 25.8 और धर्मशाला में 33.0 डिग्री तापमान दर्ज़ किया गया। सबसे ज़्यादा तापमान ऊना जिला में 40.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।