➤ हिमाचल में 15 जुलाई से दो माह तक सभी साहसिक गतिविधियों पर रोक
➤ पर्यटन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी
➤ पांच हजार से अधिक युवाओं का रोजगार अस्थायी रूप से प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों पर प्रतिबंध को लेकर पर्यटन विभाग ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। 15 जुलाई से लेकर 15 सितंबर 2025 तक राज्यभर में पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वॉटर स्पोर्ट्स सहित सभी साहसिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। यह निर्णय मानसून सीजन में संभावित खतरे और सुरक्षा कारणों के चलते लिया गया है।
हर वर्ष की तरह इस बार भी दो माह का प्रतिबंध लागू किया गया है, लेकिन इस बार इसका दायरा व्यापक है क्योंकि प्रदेश के कई क्षेत्रों में पहले से आपदा के चलते गतिविधियां बंद कर दी गई थीं। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिबंध अवधि में कोई भी गतिविधि संचालित नहीं की जाएगी, और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना, लाइसेंस रद्द करने और उपकरण जब्त करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जैसे प्रमुख पर्यटन जिलों में हजारों पर्यटक हर साल साहसिक खेलों का लुत्फ उठाते हैं, लेकिन अब इन गतिविधियों के संचालन पर दो महीने तक पूर्ण विराम लग जाएगा। जिला पर्यटन अधिकारी बिलासपुर रितेश पटियाल ने कहा कि सभी उपमंडल अधिकारियों को इस प्रतिबंध की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कहीं भी अवैध रूप से गतिविधियां संचालित न हों।
सबसे अधिक असर कुल्लू जिले में देखने को मिलेगा, जहां 12 पैराग्लाइडिंग साइटों और 5 राफ्टिंग साइटों में लगभग 5000 युवाओं का रोजगार इससे जुड़ा हुआ है। इनमें पायलट, गाइड, वाहन चालक, साइट स्टाफ समेत कई प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं। कुल्लू की साइटों पर 800 से अधिक पैराग्लाइडर और 500 से अधिक राफ्टें पंजीकृत हैं।
डॉ. चरंजी लाल, कार्यकारी जिला पर्यटन अधिकारी ने कहा, “हर साल 15 जुलाई से 15 सितंबर तक के लिए साहसिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है। इस दौरान किसी भी प्रकार की गतिविधि संचालित करना गैरकानूनी होगा।” उन्होंने लोगों से विकास कार्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की।



