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विधानसभा में नौकरियों की ‘बंदरबांट’ की शिकायत राज्यपाल तक पहुंची

Himachal Assembly Recruitment Scam : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 14 भर्तियों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा ने इन भर्तियों को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कांग्रेस सरकार पर नौकरियों की “बंदरबांट” करने का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत अब राजभवन तक पहुंच गई है, जहां इसे लेकर राज्यपाल को ऑनलाइन शिकायत भेजी गई है

क्या हैं भाजपा के आरोप?


श्रीनयना देवी के भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि 31 जनवरी को विधानसभा सचिवालय ने दो अधिसूचनाएं जारी कर 14 लोगों को नियुक्त किया। इन भर्तियों में 5 नियुक्तियां विधानसभा अध्यक्ष के क्षेत्र चंबा, 5 हमीरपुर (मुख्यमंत्री के क्षेत्र), और 2-3 सिरमौर और विधानसभा उपाध्यक्ष के क्षेत्र से हुईं

रणधीर शर्मा ने सरकार से पूछा कि क्या इन नौकरियों में पारदर्शिता बरती गई? उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या योग्य उम्मीदवार सिर्फ इन्हीं तीन विधानसभा क्षेत्रों से थे?” भाजपा का दावा है कि इन नियुक्तियों में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के करीबी लोगों को नौकरियां दी गईं, जिनमें सोशल मीडिया इंचार्ज और ड्राइवरों के रिश्तेदार भी शामिल हैं

भाजपा ने की जांच की मांग


भाजपा ने मांग की है कि इन नियुक्तियों को रद्द किया जाए और मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से नई भर्तियां की जाएं। पार्टी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि “5 लाख सरकारी नौकरियों की गारंटी देने वाली सरकार खुद ही नियमों की धज्जियां उड़ा रही है।”

विधानसभा का बचाव


विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने शिमला में विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर स्पष्ट किया कि सभी भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुई हैं और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है। जितनी भी भर्तियां विधानसभा में हुई हैं, सभी पूरी तरह से मेरिट के आधार पर हुई हैं। जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, उस समय तो वह उपाध्यक्ष भी नहीं थे ऐसे में उन पर आरोप निराधार हैं।

 

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राज्यपाल इस मामले में कोई हस्तक्षेप करेंगे या यह मामला सिर्फ राजनीतिक बहस तक सीमित रहेगा।