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हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की आगामी बैठक में बस किराया बढ़ोतरी पर निर्णय लिया जा सकता है
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निजी बस ऑपरेटर संघ ने न्यूनतम किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये करने की मांग की
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संघ का तर्क – राज्य में सामान्य किराया देश में सबसे अधिक, लेकिन न्यूनतम किराया सबसे कम
हिमाचल प्रदेश में बस किराए की संभावित बढ़ोतरी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रदेश सरकार शनिवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। हालांकि, बैठक से ठीक पहले हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ ने राज्य में बसों का सामान्य किराया न बढ़ाने की मांग उठाई है, लेकिन साथ ही न्यूनतम बस किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये करने की मांग की है।
संघ के महासचिव रमेश कमल का कहना है कि निजी बस ऑपरेटर और एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) दोनों ही बस सेवा का संचालन करते हैं, इसलिए सरकार को दोनों के लिए समान नियम लागू करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बसों का सामान्य किराया देशभर में सबसे अधिक है, लेकिन न्यूनतम किराया 5 रुपये, जो पूरे देश में सबसे कम है। इसलिए, पंजाब की तर्ज पर न्यूनतम किराया 15 रुपये किया जाना चाहिए।
संघ का यह भी कहना है कि सरकार एचआरटीसी बसों में जो रियायतें दे रही है, उन्हें या तो समाप्त करे या फिर निजी बस ऑपरेटरों को भी समान लाभ दे। संघ ने महिलाओं को किराए में दी जा रही 50 प्रतिशत छूट को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस छूट से निजी बस ऑपरेटरों को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए सरकार या तो यह छूट समाप्त करे या फिर निजी बस ऑपरेटरों को भी एचआरटीसी की तर्ज पर वार्षिक 170 करोड़ रुपये की ग्रांट दी जाए।
हिमाचल प्रदेश में निजी और सरकारी बसें पहाड़ी इलाकों में यातायात का मुख्य साधन हैं। ऐसे में सरकार का कोई भी निर्णय यात्रियों और बस ऑपरेटरों दोनों को प्रभावित करेगा। कैबिनेट बैठक में इस पर क्या फैसला लिया जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।