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15 अप्रैल 1948 को हिमाचल चीफ कमिश्नर के राज्यों के रूप में अस्तित्व में आया

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खूबसूरत वादियां, बर्फ से ढके हसीन पहाड़, झील-झरने और रंग-बिरंगे फूलों की चादर से ढका हिमाचल प्रदेश अपने आप में एक हीरा है। हिमाचल प्रदेश न केवल शिमला, कुल्लू-मनाली, डलहौजी या धर्मशाला के लिए ही जाना जाता है.

बल्कि कई अद्भुत और मनमोहक वैली के लिए भी दुनिया भर में फेमस है। पहाड़ की खूबसूरती भी पहाड़, पहाड़ की समस्या भी पहाड़, पहाड़ की चिंता भी पहाड़ होती है और पहाड़ जैसी समस्याओं से निपटने के लिए जज्बा भी पहाड़ ही होता है. यह जज्बा हिमाचल प्रदेश के कण-कण में समाया हुआ है.

देश की आजादी के 8 महीने बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश चीफ कमिश्नर के राज्यों के रूप में अस्तित्व में आया था. भारतीय संविधान लागू होने के साथ 26 जनवरी 1950 को हिमाचल प्रदेश ‘ग’ श्रेणी का राज्य बन गया.

1 जुलाई 1954 को बिलासपुर हिमाचल में शामिल हुआ. 1 जुलाई 1956 में केंद्र शासित प्रदेश बना. 1 नवंबर 1966 को कांगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाकों को हिमाचल में मिला दिया गया, लेकिन इसका स्वरूप केंद्र शासित प्रदेश का ही रहा. भारतीय संसद द्वारा दिसम्बर 1970 को हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पास किया गया और फिर 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. इस तरह हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य बना था.

इसके बाद से इस छोटे राज्य ने विकास में कई बड़े राज्यों को भी मात देने का काम किया है. बात चाहे प्रति व्यक्ति आय की हो या बिजली उत्पादन की, हिमाचल हर क्षेत्र में आगे है. इसके अलावा फल उत्पादन, हर घर नल, सामाजिक न्याय के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन और हिमाचल प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाएं विकास को गतिमान बनाए हुए हैं. देशभर में हिमाचल प्रदेश की पहचान देवभूमि और वीर भूमि के रूप में है. देवभूमि निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है और हिमाचल केवल पहाड़ी राज्यों में अव्वल है, बल्कि बड़े राज्यों के लिए भी एक उदाहरण है

हिमाचल दो शब्द हिम और आंचल से मिलकर बना है। घाटियों और पहाड़ियों के बीच स्थित यह राज्य हिमालय की गोद में बसा है। और इस राज्य में बोली जाने वाली मुख्य भाषा हिंदी है लेकिन महासू, पहाड़ी, मडियाली, कांगड़ी, कुल्लू, बिलासपुरी और किन्नौरी जैसी कई स्थानीय बोलियाँ भी हैं। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र की कला किसी परिचय की मोहताज नहीं है. पूरी दुनिया में किन्नौर का सेब जितना मशहूर है, किन्नौरी शॉल और टोपी भी उतनी ही मशहूर है.

हिमाचल प्रदेश धौलाधार, पीर पंजाल और जास्कर जैसी शानदार बर्फ से ढकी पर्वतमालाएं है। पर्यटन और कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। राज्य में हिल स्टेशनों की रानी शिमला, बिलासपुर, मंडी, चंबा, कुल्लू, मिनी स्वीजरलैंड यानि डलहौजी, कसौली, कांगड़ा, पालमपुर, सोलन, मनाली और मिनी तिब्बत यानि धर्मशाला जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं।

कालका-शिमला रेलवे, जिसे अक्सर ”टॉय ट्रेन” के नाम से जाना जाता है, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। ट्रेन कई पुलों और सुरंगों को पार करती है। हिमाचल प्रदेश में 33 वन्यजीव अभयारण्य और दो राष्ट्रीय उद्यान हैं। और प्रदेश की पांच नदियां ब्यास, सतलुज, राबी, चिनाब, यमुना इसकी सुंदरता को बढाती है.