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डलहौजी में बादल फटा, कुल्लू में फ्लैश फ्लड से तबाही, जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर सहार खाद बना पुल टूटा

डलहौजी में बादल फटने से घरों में घुसा मलबा
कुल्लू में फ्लैश फ्लड से फसलों को भारी नुकसान
कांगड़ा में तेज बारिश, पुल क्षतिग्रस्त, 3 दिन का अलर्ट जारी


हिमाचल प्रदेश में मानसून ने फिर तबाही मचाई है। कुल्लू जिले के भुंतर तहसील की बरशौणा पंचायत में नाले में आई फ्लैश फ्लड ने खेतों में मलबा भर दिया, जिससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ। वहीं चंबा जिले के डलहौजी के तलाई क्षेत्र में बादल फटने से कई घरों में मलबा घुस गया और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

दूसरी ओर, कांगड़ा जिले में लगातार तेज बारिश हो रही है। बारिश के चलते जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर सहार खाद नदी पर बना पुल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। नदी के बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के कारण पुल का एक हिस्सा झुक गया है। यह पुल कठुआ जिले के कई गांवों और कस्बों को जोड़ने वाला अहम मार्ग है, जिसकी हालत बिगड़ने से यात्रियों की सांसें थम गईं।

भारी बारिश के चलते जिला चम्बा में एन एच 154 ए पर हो रहे भू स्खलन के नीचे से जान बचाकर भाग र हे मणीमहेश यात्री।

मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि अगले 3 दिन लगातार बारिश हो सकती है। आज के लिए मंडी और शिमला में यलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही बिलासपुर, हमीरपुर, सिरमौर और ऊना समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।

इस बार की मानसून बारिश ने रिकॉर्ड नुकसान पहुंचाया है। अब तक प्रदेश में 2326 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति नष्ट हो चुकी है। इस दौरान 658 घर पूरी तरह ढह गए, जबकि 2318 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 316 सड़कें अब भी बंद हैं, जिनमें से अकेले मंडी और कुल्लू में 262 सड़कें प्रभावित हैं।

मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 23 अगस्त तक राज्य में सामान्य से 14% अधिक बारिश दर्ज की गई है। शिमला में 73%, कुल्लू में 53%, मंडी में 49%, ऊना में 47%, बिलासपुर में 36%, सोलन में 33% और हमीरपुर में 29% ज्यादा बारिश हुई। वहीं सिरमौर में 23%, किन्नौर में 7% और कांगड़ा में 4% अधिक बारिश दर्ज की गई।

हालांकि चंबा जिले में 6% कम बारिश हुई है और लाहौल-स्पीति में सबसे कम, यानी सामान्य से 66% कम बारिश दर्ज की गई है। विभाग ने साफ किया है कि अगले 3-4 दिन लोगों को सतर्क रहना होगा क्योंकि बारिश और नुकसान बढ़ सकता है।

कांगड़ा जिला में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। ज्वाली उपमंडल के जसूर क्षेत्र में शनिवार को हालात और बिगड़ गए, जब गरेली खड्ड और छतरोली नाला अचानक उफान पर आ गए। खड्डों में आई तेज़ बाढ़ जैसी स्थिति से पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी और मलबा भर गया। इससे राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

इस दौरान सैकड़ों वाहन जाम में फंसे रहे। बसों, ट्रकों और छोटे वाहनों में सवार यात्रियों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा। कई यात्री गाड़ियों से उतरकर पैदल ही सुरक्षित स्थानों की ओर निकलने लगे। स्थानीय लोगों ने सड़क से पानी और मलबा हटाने की कोशिश की, लेकिन खड्डों के तेज बहाव के आगे सभी प्रयास नाकाम साबित हुए।

यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। छोटे-छोटे दुकानदार और राहगीर भी प्रभावित हुए। प्रशासन की ओर से तुरंत राहत और बचाव दल भेजा गया और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई। अधिकारियों ने साफ कहा कि वाहनों को खड्डों और नालों के उफान में निकालने की कोशिश न करें, क्योंकि खतरा और बढ़ सकता है।

फिलहाल, सड़क बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं।