हिमाचल प्रदेश कॉरपोरेट सेक्टर सेवानिवृत्त को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने भी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। कमेटी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जो घोषणाएं कॉरपोरेट सेक्टर के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 2007 और 2017 में पेंशन के बारे में की थी। उस पर सरकार किसी भी तरह का निर्णय लेने में विफल रही है। जिन कर्मचारियों अधिकारियों को इस पेंशन का लाभ होना है वह लगभग 6730 से भी कम है। इस पेंशन योजना के बारे में अभी तक वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी जगत प्रकाश नड्डा, पीएम मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अतिम शाह सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित तमाम नेताओं को ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन अभी किसी ने भी आश्वासन नहीं मिला है। बार-बार यही कहा जा रहा है कि मामला सरकार के ध्यान में है।
कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर देवी लाल ने कहा कि अब कमेटी जिलाधीशों के माध्यम से माननीय पीएम और सीएम को ज्ञापन भेजे जाएंगे। यदि उसके बावजूद भी सरकार बकाया बचे कर्मचारियों अधिकारियों को पेंशन का लाभ देने में विफल होती है तो प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारी और कर्मचारी आगे की रणनीति तैयार करेगी और खुलासा बैठक के बाद किया जाएगा। क्योंकि चुनावी वर्ष है यदि सरकार का यही रवैया रहा तो चुनावों में पेंशनर जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि 6 मई को शिमला में प्रदर्शन में दूर दूर से सैकड़ों सेवानिवृत्त कर्मी पहुंचे। कमेटी ने सरकार से वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री के रवैये को देखते लगता है कि अब उन्हें मजबूरन संघर्ष की राह अख्तियार करनी पड़ेगी और खुलकर सरकार का विरोध करेंगे। कांग्रेस पार्टी से भी पेंशन को लेकर अपना रुख़ साफ़ करने की मांग उठाई है।