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केंद्र ने हिमाचल को नहीं दी कोई खैरात, संगठनात्मक ढांचे में राज्यों की मदद करना केंद्र सरकार का दायित्व


केंद्र ने हिमाचल को आपदा राहत में कोई विशेष खैरात नहीं दी
भाजपा गुणगान कर रही, कांग्रेस सरकार इसे हिमाचल का हक बता रही
हर्षवर्धन चौहान ने जयराम ठाकुर को विधानसभा स्तर का नेता बताया


हिमाचल प्रदेश में हाल के वर्षों में आई आपदाओं ने राज्य की आर्थिक रीढ़ हिला दी है। 2023 में लगभग 10 हजार करोड़ और 2025 में करीब 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान प्रदेश को उठाना पड़ा। ऐसे में केंद्र सरकार की मदद को लेकर सियासी बहस तेज हो गई है।

प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने केंद्र पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल को आपदा राहत के नाम पर कोई विशेष मदद नहीं मिली। जो धनराशि मिली है, वह हर राज्य को मिलने वाली सामान्य NDRF और SDRF की राहत राशि है। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे ऐसे पेश कर रही है जैसे केंद्र ने हिमाचल के लिए पैसों की नदियां बहा दी हों, जबकि सच्चाई यह है कि विशेष आर्थिक पैकेज की जरूरत थी।

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विकट परिस्थितियों में भी प्रदेश सरकार ने आपदा राहत मैनुअल में बदलाव कर प्रभावितों को राहत दी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा और जयराम ठाकुर केंद्र सरकार का गुणगान कर रहे हैं जबकि वास्तविकता इससे अलग है।

उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर केवल सिराज विधानसभा क्षेत्र के नेता बनकर रह गए हैं और दिल्ली जाकर सिराज के लिए परियोजनाओं पर पैसा मांगते हैं, जबकि पूरे हिमाचल की ओर से मांग उठानी चाहिए थी। चौहान ने साफ कहा कि भाजपा को केंद्र से आई सामान्य राहत राशि को हिमाचल का हक मानना चाहिए, न कि खैरात बताकर जनता को गुमराह करना।