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ग्रामीण विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना सरकार की प्राथमिकता: सुक्खू

➤ मुख्यमंत्री बोले – ग्रामीण विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना सरकार की प्राथमिकता
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपकर रखीं मांगे
➤ सरकार के प्रयासों से हिमाचल की शिक्षा रैंकिंग 21वें से बढ़कर 5वें स्थान पर पहुँची


हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से शिमला में मिला और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षकों की भूमिका सबसे अहम है।

सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कई व्यापक सुधार किए हैं। पिछली भाजपा सरकार के समय हिमाचल प्रदेश की शिक्षा गुणवत्ता देश में 21वें स्थान पर थी, लेकिन वर्तमान सरकार के संयोजित प्रयासों से अब राज्य 5वें स्थान पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार, शिक्षकों और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए खोले गए स्कूलों को खोला था, जिन्हें वर्तमान सरकार ने बंद किया है। इसके साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल चरणबद्ध रूप से स्थापित किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।

सुक्खू ने आगे बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पहले चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई आधारित बनाया जा रहा है।
पिछले वर्ष से पूरे राज्य में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा शुरू की गई है। साथ ही छात्रों को स्वेच्छा से स्मार्ट यूनिफॉर्म चुनने की अनुमति दी गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान और शिक्षक संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे।