यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर विचार करेगी कैबिनेट!

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✅ हिमाचल के कर्मचारी UPS को पहले ही खारिज कर चुके हैं
✅ OPS लागू करने के बाद केंद्र ने NPS की जगह मिलने वाली ग्रांट बंद की


Unified Pension Scheme (UPS) : हिमाचल प्रदेश में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू करने को लेकर प्रदेश सरकार कैबिनेट बैठक में विचार करेगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के नफा-नुकसान और राज्य पर पड़ने वाले वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की गई थी, तब UPS लागू नहीं थी। अब केंद्र सरकार ने UPS को लागू किया है, इसलिए इस पर चर्चा के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।

UPS को लेकर कर्मचारियों में असमंजस


लोक निर्माण मंत्री के इस बयान के बाद हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों में हलचल बढ़ गई है। राज्य के कर्मचारी पहले ही UPS को खारिज कर चुके हैं और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू रखने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कांग्रेस के चुनावी वादे के अनुसार OPS को बहाल किया था, जिससे 2003 के बाद भर्ती हुए रिटायर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलने लगी।

9000 करोड़ रुपये का विवाद


विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के पास हिमाचल के कर्मचारियों के 9000 करोड़ रुपये फंसे हैं, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जमा किए गए थे। राज्य सरकार लगातार केंद्र से पत्राचार कर रही है, लेकिन अभी तक यह राशि वापस नहीं मिली है।

OPS बहाल करने के बाद केंद्र सरकार ने NPS के बदले मिलने वाली वित्तीय सहायता भी बंद कर दी है। राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र को हर चीज को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए और संघीय ढांचे का सम्मान करना चाहिए।

क्या है UPS?


यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई पेंशन योजना है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा की अवधि और अंतिम वेतन के आधार पर स्थिर पेंशन प्रदान करती है। इस योजना के तहत सेवानिवृत्ति के समय वेतन और महंगाई भत्ते (DA) का 10% हर छह महीने की सेवा के लिए एकमुश्त भुगतान किया जाएगा।

 

आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को लेने से इंकार पर मुख्यमंत्री ही देंगे जवाब


हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को नहीं लेने के फैसले पर बोलते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ही स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।

मणिपुर हिंसा पर देरी से आया मुख्यमंत्री का इस्तीफा


विक्रमादित्य सिंह ने मणिपुर हिंसा पर कहा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे में अनावश्यक देरी हुई, जिससे स्थिति और बिगड़ी। हिंसा के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ और केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी।

दिल्ली एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जीत, प्रदूषण और यमुना सफाई बड़े मुद्दे रहे



दिल्ली नगर निगम चुनावों में भाजपा की जीत पर विक्रमादित्य सिंह ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण, यमुना की सफाई, और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दे अहम थे। अब देखना होगा कि नई सरकार जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।