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राज्य सरकार ऊन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी पर कर रही है विचार
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गद्दी समुदाय ने वूल फेडरेशन अध्यक्ष पद पर मनोज कुमार की नियुक्ति पर मुख्यमंत्री का जताया आभार
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पशुपालकों के लिए मुआवजे की राशि 4000 से बढ़ाकर 6000 रुपये की गई, और बढ़ाने की योजना
Wool MSP Himachal: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भेड़-बकरी पालकों और ऊन उत्पादकों के हित में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ऊन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि करने पर विचार कर रही है ताकि गद्दी समुदाय समेत सभी पशुपालकों को उनकी मेहनत का उचित पारिश्रमिक मिल सके।
इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज कुमार के नेतृत्व में गद्दी समुदाय का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से शिमला में मिला। प्रतिनिधियों ने गद्दी समाज के एक सदस्य को वूल फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि गद्दी समुदाय की समस्याओं और चुनौतियों से सरकार भली-भांति परिचित है, और राज्य सरकार उनकी बेहतरी के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि MSP में प्रस्तावित वृद्धि पर सभी हितधारकों से बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भेड़-बकरी पालक समुदाय को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिले, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून आपदा 2023 के दौरान पशुपालकों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने मुआवजे की राशि को कई गुना बढ़ाया है। विशेष रूप से, भेड़, बकरी और सूअर की मृत्यु पर दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 4000 से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में इस राशि को और अधिक बढ़ाया जाएगा ताकि पशुपालकों को मुश्किल समय में अधिक सहारा मिल सके।
इस अवसर पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज कुमार ने भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और भरोसा दिलाया कि वे पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी यह नियुक्ति चंबा और कांगड़ा जिलों में गद्दी समुदाय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने मवेशियों की मृत्यु पर मुआवजे में वृद्धि के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा भी की।
इस बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह तथा अन्य प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी उपस्थित रहे। यह मुलाकात ना केवल गद्दी समुदाय और सरकार के बीच संवाद को दर्शाती है, बल्कि उनके कल्याण के लिए सरकार की सक्रिय भूमिका को भी उजागर करती है।



