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किताबी कीड़ा ना बने छात्र, जीवन में खेलों का भी है महत्व: धूमल

डेस्क |

पढ़ाई के साथ साथ जीवन में खेलें भी उठते ही महत्वपूर्ण है जितना कि पढ़ाई करना. क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का आधार छुपा होता है. और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेलों से उत्तम कोई दूसरा उपाय नहीं है. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगवाड़ा में टौणीदेवी ब्लॉक की अंडर-14 खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ करने के पश्चात खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले रहे खिलाड़ी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए अपने सम्बोधन में यह बात कही. उन्होंने कहा कि केवल किताबी कीड़ा बन के ही जीवन में सब कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता. हां यह जरूर है कि पढ़ाई के लिए कब समय देना है और खेलों के लिए कब यह तय होना चाहिए. खेल जीवन में ना केवल अच्छा स्वास्थ्य हमें देते हैं बल्कि साथ में अनुशासन एकता संगठित प्रयास और लक्ष्य प्राप्ति के लिए मेहनत करना भी सिखाते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने बगवाड़ा स्कूल से जुड़ी बचपन की यादों को सबसे साझा करते हुए बताया कि उन्होंने अपनी मिडल स्कूल तक की शिक्षा यहीं ग्रहण की है. जब वह छोटी कक्षा की शिक्षा यहां प्राप्त कर रहे थे उसी दौरान स्तरोन्नत होकर यह मिडल स्कूल बना था. वह खुद भी खेलों में हिस्सा लेते थे और इस स्कूल के मैदान ने कई प्रतिभावान खिलाड़ी दिए हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वरूप तक स्कूल को पहुंचाने में आसपास के गांव के प्रबुद्ध जनों का बहुत बड़ा योगदान सम्मिलित है.

तत्कालीन सरकार ने अपना गांव अपना योगदान करके एक योजना चलाई थी जिसमें क्षेत्र का यह पहला स्कूल था जहां पर गांव वासियों ने स्कूल के अध्यापकों की प्रेरणा से योगदान एकत्रित कर सरकार के पास जमा करवाया और स्कूल के भवन निर्माण में सहायता दी थी.

कार्यक्रम में पहुंचने पर स्कूल प्रबंधन एवं स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत अभिनंदन किया. स्कूल प्रबंधन ने पूर्व मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया. कार्यक्रम में स्कूल के छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं. इस अवसर पर भोरंज मंडल के अध्यक्ष देशराज शर्मा सहित स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि अभिभावक और कई पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे.