हिमाचल प्रदेश की हस्तशिल्प कला को बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश के चंबा चप्पल, लाहौली जुराबें और दस्तानों को जीयो टैगिंग में शामिल कर लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश सूचना केंद्र के प्रयासों के चलते इन हस्तशिल्प कलाओं को भौगोलिक संकेतक अधिनियम 1999 के तहत पंजीकरण करने में सफलता प्राप्त हुई है। आपको बता दें कि जीयो टैगिंग ये दोनों हस्तकलाएं वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के अधिनियमों के अधीन आ जायेंगी।
ऑन जीयो टैगिंग मिलने के बाद चंबा चप्पल और लाहौली जुराबों का इल्लीगल उत्पादन रोका जा सकेगा। इनका उत्पादन sqqq वाले चुनिंदा लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और रोज़गार के नए आयाम भी खुलेंगे।
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