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हिमाचल में स्वास्थ्य ढांचे के लिए 1,730 करोड़, सभी मेडिकल कॉलेज होंगे हाईटेक

➤ चिकित्सा ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए 1,730 करोड़ का प्रावधान
➤ एम्स और पीजीआई की तर्ज पर अत्याधुनिक उपकरण होंगे स्थापित
➤ रोबोटिक सर्जरी शुरू, 491 नए पद सृजित, हिमकेयर योजना में सरकारी कर्मचारी शामिल नहीं


हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में 1,730 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जाएंगे। साथ ही 491 नए पदों को सृजित करने की मंजूरी दी गई है जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।

यह निर्णय आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा, और एम्स चमियाणा में 25-25 करोड़ रुपये की लागत से स्वचालित प्रयोगशालाएं स्थापित करने के साथ-साथ एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली लागू करने की दिशा में उठाया गया है। अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना शिमला में रोबोटिक सर्जरी के लिए मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं और जल्द ही विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती शुरू की जाएगी।

सरकार ने यह भी तय किया है कि दो दशकों से पुराने चिकित्सा उपकरणों को हटाकर उनकी जगह 3 टेस्ला एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड मशीन, फेको सिस्टम, डिजिटल एक्स-रे यूनिट सहित कई उच्च गुणवत्ता वाली आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। यह उपकरण न केवल बेहतर रिज़ोल्यूशन देंगे बल्कि त्वरित रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित करेंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुधार के लिए अब तक 185 चिकित्सा अधिकारी, 130 स्टाफ नर्सें, 67 लैब तकनीशियन, और 45 फार्मासिस्ट अधिकारियों की नियुक्तियां की जा चुकी हैं। यह सुधार राज्य के मेडिकल कॉलेजों और आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों तक प्रभावी रूप से पहुंचेगा।

हिमकेयर योजना के संदर्भ में सरकार ने स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारी इस योजना के दायरे में नहीं होंगे ताकि यह वास्तव में जरूरतमंद वर्गों तक पहुंचे। वर्तमान में 5.80 लाख से अधिक लोग हिमकेयर योजना से लाभान्वित हो चुके हैं और अब यह तिमाही आधार (मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर) पर कार्ड जारी किए जाएंगे।